मध्य प्रदेश के सतना जिले में जिला प्रशासन ने नकली कीटनाशक दवा तैयार करने वाली एक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। यह फैक्ट्री एक किराए के मकान में संचालित हो रही थी, जहां से 4 क्विंटल जहरीला माल बरामद किया गया। जब्त किए गए नकली फंगीसाइड की बाजार में कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।
बायर कंपनी के नाम पर हो रहा था फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया कि यह कीटनाशक प्रसिद्ध बायर कंपनी के ‘नेटिव ब्रांड’ के नाम पर तैयार किया जा रहा था:
- एक यूनिट की कीमत ₹1136 निर्धारित है।
- कंपनी के प्रतिनिधियों ने गुणवत्ता में गड़बड़ी की सूचना प्रशासन को दी थी।
- इसके बाद एसडीएम सिटी राहुल सिलाड़िया के नेतृत्व में छापेमारी की गई।
अवैध फैक्ट्री किराए के मकान में संचालित
छापेमारी में यह खुलासा हुआ कि नकली कीटनाशक का निर्माण रामपाल प्रजापति के किराए के मकान में किया जा रहा था:
- मकान मालिक किराएदार की सही पहचान बताने से बचता नजर आया।
- इससे यह आशंका और गहराई कि मामला संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है।
कैसे मिला सुराग?
बायर कंपनी ने बाजार में सर्वेक्षण के दौरान कुछ यूनिट्स की गुणवत्ता को लेकर संदेह जताया:
- उत्पाद की जांच में पुष्टि हुई कि यह नकली है।
- टीम ने सतना की नई बस्ती में अवैध यूनिट की पहचान की।
- तुरंत एसडीएम को सूचना दी गई और दबिश देकर कारखाना सील कर दिया गया।
किसानों के लिए चेतावनी
प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे कीटनाशक या फंगीसाइड खरीदते समय सावधानी बरतें:
- केवल प्रमाणित ब्रांड के उत्पाद ही खरीदें।
- पैकेजिंग पर QR कोड स्कैन कर उसकी असलियत की जांच अवश्य करें।
- नकली उत्पाद से न केवल फसलें बल्कि मिट्टी और पानी भी प्रभावित हो सकते हैं।
सतना की यह कार्रवाई किसानों को एक बड़ा नुकसान होने से बचा गई। यह घटना एक चेतावनी है कि कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और सत्यता की जांच करना बेहद आवश्यक है। प्रशासन की तत्परता और कंपनी की सतर्कता से एक बड़ा जाल समय रहते उजागर हो गया।