ग्वालियर में एक महिला को ऑनलाइन पालतू कुत्ता खरीदने के नाम पर ऐसी ठगी का शिकार बनाया गया, जिससे उसकी जान तक चली गई। ठगों ने एक लिंक के जरिए महिला से ओटीपी लिया और फिर उसके खाते से 1.93 लाख रुपए उड़ा दिए। ठगी का एहसास होने पर महिला इतनी डर गई कि उसने जहर खा लिया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
क्या था पूरा मामला?
पालतू कुत्ता खरीदना चाहती थी महिला
ग्वालियर की रहने वाली 36 वर्षीय रीना प्रजापति बीते कुछ दिनों से ऑनलाइन एक पालतू कुत्ता खरीदने के लिए वेबसाइट्स सर्च कर रही थीं। 10 जून की शाम करीब 7:30 बजे, वह एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंच गईं, जहां उन्हें 5,000 रुपये में एक पपी दिखाया गया।
ठगों ने भेजा लिंक, ओटीपी से खाते से निकाले पैसे
जैसे ही रीना ने पालतू कुत्ता खरीदने की इच्छा जाहिर की, ठगों ने उन्हें एक लिंक भेजकर ऑनलाइन पेमेंट करने को कहा। लिंक पर क्लिक करते ही ओटीपी मांगा गया, जिसे रीना ने साझा कर दिया। इसके बाद उनके खाते से कुल 1,93,000 रुपये निकाल लिए गए।
सदमे में महिला ने खाया ज़हर
ठगी की जानकारी होते ही रीना बुरी तरह घबरा गईं। उन्होंने यह बात न तो अपने पति राजेंद्र प्रजापति को बताई और न ही परिवार के किसी अन्य सदस्य को। मानसिक दबाव और डर के चलते रीना ने जहर खा लिया।
अस्पताल में तोड़ा दम
पति जब घर पहुंचे तो रीना की तबीयत बेहद खराब थी। वे तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने पर उन्हें जयारोग्य अस्पताल रेफर किया गया, जहां बुधवार और गुरुवार की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पीछे छूट गए बच्चे और परिवार
रीना अपने पीछे दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गई हैं। पति का कहना है कि अगर रीना ने समय पर ठगी की बात बताई होती तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। रीना के परिजन उसके शव को मायके ले गए, जहां अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच, केस दर्ज
घटना की सूचना मिलते ही पुरानी छावनी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला दर्ज किया।
क्या कहती है पुलिस?
सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया,
“यह मामला बेहद गंभीर है। ठगों ने महिला को पालतू कुत्ता बेचने का झांसा देकर ओटीपी लिया और खाते से पैसे निकाल लिए। आरोपियों की तलाश के लिए साइबर सेल को भी जांच में लगाया गया है।”
ऑनलाइन खरीदारी करते समय बरतें ये सावधानियां:
- फर्जी वेबसाइटों से बचें: हमेशा आधिकारिक और विश्वसनीय वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
- ओटीपी न करें साझा: बैंक से जुड़ी किसी भी जानकारी को किसी के साथ शेयर न करें, चाहे वो लिंक कितना भी असली लगे।
- साइबर हेल्पलाइन से लें मदद: अगर ठगी हो जाए तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
- दोस्तों और परिवार से करें साझा: किसी भी ऑनलाइन फ्रॉड की स्थिति में अपनों से मदद मांगना बेहतर होता है।
यह घटना केवल एक महिला की नहीं, बल्कि समाज में बढ़ते साइबर क्राइम की एक गंभीर चेतावनी है। डिजिटल युग में जहां सुविधा है, वहीं खतरे भी हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम सतर्क रहें, जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें।