राजनगर एक्सटेंशन, गाज़ियाबाद का एक तेजी से विकसित होता रिहायशी और व्यावसायिक इलाका, रविवार रात एक सनसनीखेज गोलीकांड के बाद दहशत में आ गया। इस घटना ने न केवल वहां रहने वाले हज़ारों परिवारों को झकझोर दिया, बल्कि इलाके की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना की पूरी जानकारी
रविवार की रात करीब 9:30 बजे, क्लासिक रेजिडेंसी सोसाइटी के पास स्थित एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में कुछ हमलावरों ने एक व्यवसायी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थानीय पुलिस ने घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया और पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई। डीसीपी (सिटी) धवल जैसवाल ने TOI को बताया कि जांच जारी है और सुरक्षा उपाय तेज़ किए जा रहे हैं।
रहवासियों की चिंता और गुस्सा
इस इलाके को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ने वाली हिंडन एलिवेटेड रोड के कारण एक आदर्श मिडिल-क्लास हाउसिंग हब के रूप में बढ़ावा दिया गया है। लेकिन वहां रहने वालों का कहना है कि बढ़ते अपराध और पुलिस की लापरवाही उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।
मुख्य समस्याएं:
- एक ही पुलिस चेक पोस्ट से 10,000+ परिवारों की निगरानी
- स्थायी पुलिस स्टेशन का अभाव
- सीसीटीवी कैमरे या तो खराब हैं या बेहद खराब गुणवत्ता के हैं
- शराब पीने, छेड़छाड़ और चैन स्नेचिंग की घटनाएं आम हैं
स्थानीय लोगों की राय
सुरेंद्र त्यागी, जो यूनिनव ब्लिस सोसाइटी के निवासी हैं, कहते हैं:
“यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी। लंबे समय से शिकायतें हो रही हैं कि लोग खाने के ठेलों के पास गाड़ियों में बैठकर शराब पीते हैं। पुलिस गश्त न के बराबर है।”
दीपांशु मित्तल (ब्रेव हार्ट सोसाइटी):
“यहां सिर्फ एक पुलिस पोस्ट है। अपराध होने पर सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जाता है, लेकिन ज़्यादातर कैमरे खराब हैं।”
दुकानदारों और व्यापारियों की स्थिति
घटना के वक्त मौजूद मो. असलम, जो एक फूड स्टॉल चलाते हैं, ने बताया:
“जब गोलियां चलीं, तो सब लोग ज़मीन पर गिर गए या भागने लगे। मैं भी दुकान बंद करके भाग गया। आज (सोमवार) दुकान खोली लेकिन शाम तक सिर्फ 10 ऑर्डर मिले।”
अपार्टमेंट के अंदर डर का माहौल
क्लासिक रेजिडेंसी और उसके आस-पास की लगभग 7 सोसाइटीज़—जैसे केडब्ल्यू सृष्टि, गौर होम्स, अशियाना पाम कोर्ट, मिलन अर्थ आदि—में लगभग 10,000 लोग रहते हैं। घटना के बाद से सभी सोसाइटियों में डर का माहौल है।
अनकित कुमार, क्लासिक रेजिडेंसी के निवासी बताते हैं:
“सोमवार को हम पूरे दिन घर से बाहर नहीं निकले। अब गार्ड्स से कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को आईडी चेक किए बिना अंदर न आने दें।”
गाज़ियाबाद में कानून-व्यवस्था पर सवाल
घटना के बाद से एक बात साफ़ हो गई है—राजनगर एक्सटेंशन जैसी घनी आबादी वाले इलाके में बुनियादी सुरक्षा व्यवस्था की भारी कमी है। जहां एक ओर दिल्ली से कनेक्टिविटी और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का प्रचार किया जाता है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर सुरक्षा इंतज़ाम बेहद कमजोर हैं।
प्रशासन से अपेक्षाएं
रहवासियों की मांगें:
- स्थायी पुलिस स्टेशन की स्थापना
- सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत या उच्च गुणवत्ता वाले कैमरों की स्थापना
- रात में नियमित पुलिस गश्त और ड्रोन निगरानी
- व्यावसायिक इलाकों में शराबखोरी पर सख्ती
निष्कर्ष
गाज़ियाबाद का राजनगर एक्सटेंशन आज विकास का प्रतीक है, लेकिन सुरक्षा के बगैर कोई भी विकास अधूरा है। रविवार की गोलीबारी एक चेतावनी है कि यदि समय रहते कानून-व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई, तो यह हाउसिंग हब एक अपराध हॉटस्पॉट बन सकता है। प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि इलाके की सुरक्षा बहाल हो सके और लोग चैन की नींद सो सकें।





