रिपोर्ट: डॉ प्रथम सिंह, एडिट- विजय नंदन
अमरोहा: थाना नौगावां सादात पुलिस ने 4 अक्टूबर 2025 की रात गश्त के दौरान दो युवकों को गिरफ्तार किया, जो मोटरसाइकिल चोरी के मामले में शामिल थे। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान इस प्रकार हुई। नजाकत पुत्र अमीर हसन, निवासी मौ. कुरेशी गली नं0 07, थाना अमरोहा नगर, मोहम्मद युसुफ पुत्र याकूब अली, निवासी मौ. तकिया मोती शाह, थाना अमरोहा नगर। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 9 चोरी की मोटर साइकिलें बरामद हुईं। इसके अलावा, उनके निशानदेही पर ग्राम फरीदपुर इम्मा के पास झाड़ियों में छुपाई गई 7 अन्य चोरी की मोटर साइकिलें भी पुलिस ने बरामद कीं।

पुलिस ने बताया कि गैंग का एक अन्य सदस्य नईम अहमद पुत्र रहीस अहमद, निवासी राजा का ताजपुर, थाना नूरपुर, जिला बिजनौर मौके से फरार हो गया। पुलिस के अनुसार, यह गैंग अमरोहा और बिजनौर में चोरी कर मोटरसाइकिलों को बेचकर आर्थिक लाभ कमाता था। पुलिस फरार आरोपी की तलाश कर रही है और अन्य मामलों की भी जांच कर रही है। अमरोहा पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि देखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

गिरोह वारदात में सफल क्यों, पुलिस असफल क्यों ?
मोटर साइकिल चोर गिरोह अक्सर इसलिए सफल हो जाते हैं क्योंकि वे अपने अपराध को अंजाम देने के लिए योजनाबद्ध तरीके अपनाते हैं और पुलिस की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। इसे विस्तार से समझें:
- सटीक योजना और तैयारी
गिरोह के सदस्य पहले इलाके का निरीक्षण करते हैं और उन घरों या पार्किंग स्थलों को चुनते हैं जहाँ सुरक्षा कम होती है।
चोरी की जगह, समय और पुलिस की गश्त का ध्यान रखते हैं। - तेज़ और चतुर तकनीक
वे लॉक तोड़ने, इंजन स्टार्ट करने और वाहन उठाकर ले जाने में माहिर होते हैं।
चोरी के तुरंत बाद वाहन छुपा देने या जल्दी बेच देने की योजना बनाते हैं। - साझेदारी और नेटवर्क
अक्सर ये गिरोह 2-3 या उससे अधिक लोगों का समूह होता है।
किसी को पकड़ लिया जाए तो दूसरा भाग जाता है या चोरी की वस्तु छुपा देता है।
चोरी की मोटरसाइकिलों को बेचने के लिए पहले से तैयार बाजार और दलाल नेटवर्क होता है। - कानूनी और प्रशासनिक देरी
पुलिस कभी-कभी तुरंत सूचना न मिलने या गश्त की कमी के कारण कार्रवाई देर से करती है।
चोरी के कुछ घंटे या दिन बाद ही पुलिस को घटना की जानकारी मिलती है, तब तक वाहन बदल चुका होता है। - अपराध के लिए आसान शिकार
मोटरसाइकिलें अपेक्षाकृत छोटी और हल्की होती हैं, जिससे चोरी करना आसान हो जाता है।
ज्यादातर लोग सुरक्षा उपाय जैसे अलार्म, लॉक या गार्डेड पार्किंग का इस्तेमाल नहीं करते। - सामाजिक और आर्थिक कारण
गरीब या बेरोज़गार लोग जल्दी पैसे कमाने के लिए इस तरह के अपराध में शामिल हो जाते हैं।
चोरी की मोटरसाइकिल बेचकर तुरंत नकद पैसा मिल जाता है।
सुरक्षा उपाय: हमेशा सुरक्षित और रोशनी वाली जगह पर बाइक पार्क करें।
स्टियरिंग लॉक और इंजन इममोबिलाइज़र का इस्तेमाल करें।
यदि चोरी की कोशिश दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।





