रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की अपनी मंशा को लेकर “गंभीर” है और नाटो देशों को आर्कटिक में उनकी गतिविधियों को लेकर चेतावनी दी है। इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शांति समझौते के बाद यूक्रेन में एक “आश्वासन बल” तैनात करने की योजना का खुलासा किया है।

मुख्य बिंदु:
- पुतिन का दावा: अमेरिका ग्रीनलैंड को लेकर गंभीर है।
- रूस की चेतावनी: नाटो देशों को आर्कटिक में हस्तक्षेप से बचना चाहिए।
- यूक्रेन को समर्थन: मैक्रों और स्टार्मर ने “आश्वासन बल” की घोषणा की।
- खनिज समझौता विवाद: जेलेंस्की ने अमेरिका पर बार-बार शर्तें बदलने का आरोप लगाया।
- रूसी हमला: खार्किव में रूसी ड्रोन हमले में 21 लोग घायल।
- खेरसॉन पर हमला: रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत, पांच घायल।
पुतिन ने आर्कटिक में रूस के हितों की रक्षा का संकल्प लिया
व्लादिमीर पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय आर्कटिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि नाटो देश आर्कटिक को “संभावित संघर्ष क्षेत्र” के रूप में देख रहे हैं और वहां सैन्य अभ्यास बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम अपनी संप्रभुता के उल्लंघन की अनुमति नहीं देंगे। हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे।”
अमेरिका ग्रीनलैंड को लेकर गंभीर: पुतिन
पुतिन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्रीनलैंड पर अमेरिका के कब्जे की इच्छा कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा, “यह सोचना एक बड़ी गलती होगी कि यह केवल अमेरिकी प्रशासन की सनक है।”
यूक्रेन के लिए “आश्वासन बल” की योजना
फ्रांस और ब्रिटेन ने घोषणा की कि वे यूक्रेन में एक “आश्वासन बल” तैनात करेंगे, जो शांति समझौते के तुरंत बाद सक्रिय होगा। यह बल संघर्षविराम की निगरानी के लिए होगा, लेकिन यह पारंपरिक शांति रक्षा बल का विकल्प नहीं होगा।
प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, “इस बल का उद्देश्य पुतिन को यह संदेश देना है कि यह समझौता लागू रहेगा।”
अमेरिका-यूक्रेन खनिज समझौते पर विवाद
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका बार-बार खनिज समझौते की शर्तें बदल रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने एक नया प्रस्ताव भेजा है जिसमें अमेरिका को यूक्रेनी तेल, गैस और खनिज परियोजनाओं से पहले रॉयल्टी लेने का अधिकार मिलेगा।
खेरसॉन और खार्किव पर रूसी हमले
यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन में रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत हो गई और पांच घायल हुए। क्षेत्रीय गवर्नर रोमन मरोचको के अनुसार, “हमले में एक महिला और एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि रेलवे स्टेशन को भी नुकसान पहुंचा।”
इसके अलावा, रूसी ड्रोन हमले में खार्किव में 21 लोग घायल हुए।
निष्कर्ष
- यूरोप अब अमेरिका पर कम निर्भर होकर अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- यूक्रेन को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच रणनीतिक मतभेद गहरे हो रहे हैं।
- रूस आर्कटिक में अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत कर रहा है।
- खनिज सौदे को लेकर अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ रहा है।