BY: Yoganand Shrivastva
बेंगलुरु, आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित विजय उत्सव का माहौल अचानक मातम में बदल गया। 4 जून को हुए इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसके कारण भगदड़ मच गई और 11 लोगों की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
घटना के बाद पूरे देश में कार्यक्रम की सुरक्षा और प्रबंधन पर सवाल उठने लगे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए कर्नाटक सरकार ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को निलंबित कर दिया था। हालांकि, अब केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने उनके निलंबन को निरस्त कर दिया है और घटना के लिए RCB को जिम्मेदार ठहराया है।
ट्रिब्यूनल का सख्त रुख: “पुलिस कोई चमत्कारी संस्था नहीं”
CAT ने अपने फैसले में कहा कि इस हादसे के लिए RCB की अचानक और बिना पूर्व सूचना दी गई घोषणा ही मुख्य रूप से जिम्मेदार है। ट्रिब्यूनल ने कहा,
“RCB ने बिना प्रशासनिक अनुमति के अचानक सोशल मीडिया के माध्यम से कार्यक्रम की जानकारी दी, जिससे अनुमानतः 3 से 5 लाख लोग स्थल पर इकट्ठा हो गए। ऐसी भीड़ को संभालना सिर्फ 12 घंटे में किसी भी पुलिस बल के लिए संभव नहीं है।”
ट्रिब्यूनल ने पुलिस अधिकारियों का बचाव करते हुए यह भी जोड़ा,
“पुलिसकर्मी भी इंसान हैं। वे न भगवान हैं, न ही कोई जादूगर और न ही उनके पास अलाद्दीन का चिराग है जिससे चुटकी बजाते ही हर व्यवस्था खड़ी हो जाए।”
RCB पर ‘उपद्रव फैलाने’ का आरोप
CAT ने RCB पर “असंगठित और असामयिक उपद्रव फैलाने” का आरोप लगाते हुए उनकी प्लानिंग और क्रियान्वयन की तीखी आलोचना की।
“टीम ने बिना सरकारी अनुमति के अपनी जीत का जश्न सार्वजनिक रूप से मनाने की योजना बनाई। न तो पुलिस को पहले सूचित किया गया, न ही आवश्यक भीड़ नियंत्रण इंतज़ाम किए गए।”
ट्रिब्यूनल ने यह भी साफ किया कि यदि RCB ने प्रशासन को पर्याप्त समय और सूचना दी होती, तो शायद इस तरह का हादसा रोका जा सकता था।
RCB का पोस्ट बना बर्बादी का कारण
RCB ने 3 जून की देर रात को अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीतने के बाद सोशल मीडिया पर 4 जून को विजय जुलूस की जानकारी साझा की थी। इस घोषणा के महज कुछ घंटों बाद लाखों लोग स्टेडियम और उसके आसपास पहुंच गए।
चूंकि आयोजन स्थल और पुलिस व्यवस्था इतनी भारी भीड़ के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए थोड़े समय में हालात बेकाबू हो गए और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
मामले में निलंबित IPS को क्लीन चिट
कर्नाटक सरकार द्वारा जिन आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को इस हादसे के चलते निलंबित किया गया था, उनके समर्थन में अब ट्रिब्यूनल का फैसला आ गया है। CAT ने स्पष्ट रूप से कहा,
“यह निर्णय जल्दबाज़ी में लिया गया था। पुलिस अधिकारी को तब दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब आयोजन की योजना आखिरी समय में और बगैर किसी पूर्व सूचना के बनाई गई हो।”
प्रशासन पर भारी पड़ा सोशल मीडिया प्रमोशन
RCB द्वारा की गई पोस्ट में किसी भी तरह की भीड़ सीमा या सुरक्षा योजना का उल्लेख नहीं था। कार्यक्रम को लेकर ना तो प्रवेश पास बांटे गए और ना ही किसी तरह की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया थी। नतीजा ये रहा कि लाखों की संख्या में फैंस अपने-अपने स्तर पर स्थल पर पहुंच गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े स्तर के कार्यक्रमों के लिए कम से कम एक सप्ताह का प्रशासनिक प्लानिंग टाइम जरूरी होता है, जिसमें ट्रैफिक, मेडिकल, सुरक्षा और इमरजेंसी सेवाओं की योजनाएं बनाई जाती हैं।
11 की मौत, कई घायल – कौन है जिम्मेदार?
इस हादसे में जान गंवाने वाले 11 लोगों के परिजनों ने न्याय की मांग की है। ट्रिब्यूनल के फैसले से उन्हें जरूर कुछ राहत मिलेगी, क्योंकि अब RCB पर सीधा सवाल खड़ा हो गया है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि ऐसे आयोजनों में सिर्फ पुलिस या प्रशासन ही नहीं, बल्कि आयोजकों को भी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।