मध्यप्रदेश विधानसभा उप चुनाव में विजयपुर की स्थिति साफ हो गई है। जहां कमल की जोरदार हार हुई, ऐसे में भोपाल में हलचलका दौर शुरू हो गया है। दरअसल इस सीट से वनमंत्री रामनिवास रावत मैदान में थे। लेकिन कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने लगभग 7 हजार वोटों से पटखनी दे दी है। रामनिवास रावत के हारने से मोहन यादव के मंत्री मंडल में माहौल गर्माया हुआ है। अब हर तरफ चर्चा हो रही है कि अगला वनमंत्री कौन होगा क्योंकि सीट हारने से अब रावत को पद से इस्तीफा देना होगा।
मुकेश मल्होत्रा ने दिया था चैलेज
खास बात यह है कि इस सीट से दोनों ही उम्मीदवार दल बदल कर आए थे। वहीं मुकेश भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे, तो
रावत कांग्रेस से भाजपा में आए थे। कांग्रेस की जीत का मुख्य कारण दलित वोटर्स को माना जा रहा है क्योंकि विजयपुर विधानसभा में दलित वोटर्स की संख्या अधिक है, वही कांग्रेस के उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा भी दलित समाज से आते है। प्रचार के दौरान मुकेश मल्होत्रा ने खुला चैलेज दिया था कि वह सीट जीतेगे और यही हुआ।
क्या रामनिवास की राजनीति का हो गया अंत
बता दें कि रामनिवास रावत 5 बार विजयपुर से विधायक चुने गए थे, दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके है। रामनिवास रावतकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती थी, विजयपुर में उनकी छवि भी साफ सुधरी है, विजयपुर के वोटर्स कांग्रेस को सपोर्ट करते यही कारण है कि 5 बार से कांग्रेस की सीट पर रामनिवास रावत ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 20 अप्रैल 2024 को रावत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए, भाजपा ने इनाम के तौर पर रावत को वनमंत्री का प्रभार दिया था। भाजपा में जाने से रावत को विरोध का भी सामना करना पड़ा था। इस चुनाव से रावत की स्थिति करो या मरो जैसी थी, अब रावत सीट गंवा चुके है, ऐसे में चर्चा का दौर जारी है और यही कहा जा रहा है कि रावत की राजनीति का अंत हो गया है।
अब किसे मिलेगी वनमंत्री की कमान
रावत के चुनाव हारने से अब उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा, जिसके बाद मोहन यादव किसी अन्य विधायक को यह जिम्मेदारी दे सकते है। यह जिम्मेदारी किस को मिलेगी, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन जब तक यह जिम्मेदारी किसी अन्य को नहीं दी जाती तब तक वनमंत्री का प्रभाव मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगा।





