BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने इसे विकास की दिशा में एक अहम कदम बताया, लेकिन साथ ही सरकार से टाइमलाइन स्पष्ट करने की भी मांग की।
“सरकार का फैसला स्वागतयोग्य, लेकिन तारीख बताएं” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने बुधवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जातिगत जनगणना की मांग कांग्रेस लगातार उठाती रही है। उन्होंने कहा:
“हमने संसद में कहा था कि हम जातिगत जनगणना लेकर आएंगे। हमारा लक्ष्य है कि 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम सीमा को हटाया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले कहते थे कि केवल चार जातियां होती हैं। अब जब उन्होंने खुद यह फैसला लिया है, तो हम उसका समर्थन करते हैं।”
“जाति जनगणना केवल शुरुआत है”
राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। उन्होंने कहा:
“हमारा लक्ष्य केवल जनगणना कराना नहीं है, बल्कि यह देखना है कि देश की सत्ता, संसाधन और निर्णय प्रक्रिया में जातीय भागीदारी कितनी है। यह आंकड़े आगे की नीति निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएंगे।”
“तारीख तय होनी चाहिए”
राहुल गांधी ने सरकार से स्पष्ट मांग की कि जनगणना की तारीख और प्रक्रिया की समयसीमा घोषित की जाए। उन्होंने कहा:
“हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन जानना चाहते हैं कि यह कब तक पूरा होगा। देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि जातिगत आंकड़े कब सामने आएंगे।”
राहुल गांधी ने मोदी सरकार के जातिगत जनगणना के निर्णय का खुले तौर पर समर्थन करते हुए उसे विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक सही कदम बताया, लेकिन सरकार से यह जानना चाहा कि इसकी क्रियान्वयन प्रक्रिया और समयसीमा क्या होगी। उनका कहना है कि इस जनगणना के जरिए सामाजिक हिस्सेदारी और सत्ता संरचना में वास्तविक भागीदारी का आकलन किया जा सकेगा।
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