दिल्ली के बाद अब ग्वालियर में भी प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ा है, लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बता दें कि
ग्वालियर की जनता पिछले 26 दिनों से जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है। ग्वालियर का एक्यूआई 400 पार जा चुका है ऐसी
स्थिति में सांस लेना काफी खतरनाक होता है। मजे की बात तो यह है कि 26 दिनों से एक्यूआई 400 पार जा रहा है, लेकिन निगम
के अधिकारियांे ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक ने रेड सिग्नल देना शुरू किया उसके बहुत देर बाद अफसरों का ध्यान प्रदूषण की तरफ गया। फिलहाल आनन-फानन में अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए मास्टर प्लान कागजी तौर पर तैयार किया है, अब देखना यह है कि यह प्लान धरातल पर कब तक आएगा।
100 दिनों विंटर प्लान किया तैयार
प्रदूषण से निपटने के लिए नगर निगम ने 100 दिनों का विंटर प्लान बनाया है। इसके लिए चार करोड़ रूपए का बजट तैसार किया
गया है, जिसके टेंडर जारी करने की प्रक्रिया की जा रही है। जब तक विंटर प्लान जमीनी स्तर पर शुरू नहीं हो जाता तब तक जनता को जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ेगा।
कचरा जलाने एवं खुले में फेंकने वालों पर जुर्माने
प्रदूषण से निपटने के लिए निगम ने गाइडलाइन जारी की है। यह टीम कचरा जलाने एवं खुले में कचरा फेंकने वालों पर जुर्माने भी करेगी। इसके साथ ही पराली जलाने वालों के खिलाफ भी जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। केदारपुर में पुराने कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया तेज करने के लिए एजेंसी को नोटिस जारी किया जाएगा। स्वर्ण रेखा नदी और नालों के किनारे वायर फेसिंग की जाएगी। विभाग का तकनीकी अमला उन इलाकों को चिह्नित करेगा जहां अधिक धूल मिट्टी उड़ती है और इसे डस्ट फ्री बनाने का प्लान तैयार करेगा। नगर निगम सड़क किनारे एवं बीच में डिवाइडरों पर पौधे लगाकर हरियाली बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। चौराहों पर फुव्वारे लगाए जाएंगे।