मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक शर्मनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो ने राज्य की राजनीति को हिला कर रख दिया है। बीजेपी से जुड़े मनोहर लाल धाकड़ एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में एक्सप्रेस-वे पर नजर आए। यह वीडियो सिर्फ एक निजी मामला नहीं रह गया—यह अब सार्वजनिक आक्रोश और राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है।
📍 क्या है मामला?
- स्थान: दिल्ली-मुंबई 8-लेन एक्सप्रेसवे, मंदसौर जिला
- तारीख: वीडियो 13 मई 2025 का बताया जा रहा है
- व्यक्ति: बीजेपी नेता मनोहर लाल धाकड़, ग्राम बनी निवासी
वायरल वीडियो में देखा गया कि मनोहर लाल धाकड़ अपनी कार (रजिस्ट्रेशन नंबर MP-14-CC-4782) सड़क किनारे रोकते हैं। उसी कार से एक महिला बिना कपड़ों के उतरती है, जिसके बाद धाकड़ भी अर्धनग्न अवस्था में बाहर आते हैं। दोनों को बीच सड़क पर शर्मनाक हरकत करते देखा गया।
📸 वीडियो का स्रोत और विश्वसनीयता
इस घटना का वीडियो कथित तौर पर एक्सप्रेसवे पर लगे CCTV कैमरों में कैद हुआ है। हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि न तो प्रशासन ने की है और न ही अभी तक किसी अधिकारिक जांच की जानकारी सामने आई है।
❌ वीडियो की अश्लीलता के कारण इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
📞 धाकड़ का पक्ष: ‘फोन बंद’
जब पत्रकारों ने धाकड़ से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इससे स्थिति और भी संदिग्ध हो गई है, जिससे सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं—क्या यह चुप्पी गलती छिपाने की कोशिश है?
🗣️ बीजेपी की सफाई और प्रतिक्रिया
- भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित ने स्पष्ट किया: “धाकड़ पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं हैं। वे केवल ऑनलाइन सदस्य हो सकते हैं। ऐसे कृत्य पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।”
- प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा: “मैंने वीडियो नहीं देखा है और इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती। लेकिन अगर कोई कार्यकर्ता पार्टी की छवि खराब कर रहा है तो शीर्ष नेतृत्व जरूर कार्रवाई करेगा।”
🧩 कौन हैं मनोहर लाल धाकड़?
- मंदसौर जिले के ग्राम बनी निवासी
- उनकी पत्नी मंदसौर जिला पंचायत की सदस्य हैं
- सामाजिक और राजनीतिक रूप से क्षेत्र में सक्रिय
🔍 सोशल मीडिया पर बवाल क्यों?
यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर #BJPLeaderScandal, #MandsaurViralVideo, और #PublicShame जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग सवाल उठा रहे हैं:
- क्या ऐसे लोग ही जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं?
- क्या भाजपा ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है?
- इस मामले में कब तक चुप्पी साधी जाएगी?
⚖️ क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब जब मामला खुलकर सामने आ गया है, तो जनता और मीडिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं:
- क्या राजनीतिक दल कोई सख्त कदम उठाएंगे?
- क्या पुलिस और प्रशासन स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू करेंगे?
- क्या यह मामला राजनीतिक लाभ-हानि का मोहरा बनकर रह जाएगा?
📢 निष्कर्ष: राजनीति में नैतिकता पर सवाल
मंदसौर से सामने आया यह मामला सिर्फ एक नेता की निजी हरकत नहीं, बल्कि सार्वजनिक भरोसे की परीक्षा भी है। ऐसे कृत्य न केवल एक पार्टी बल्कि पूरी राजनीतिक व्यवस्था की साख को चोट पहुंचाते हैं।
👉 जनता को चाहिए कि वो जागरूक रहे, नेताओं की जवाबदेही तय करे और मीडिया इस मामले की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करे।