क्या हुआ?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर घाटी के 87 पर्यटन स्थलों में से 48 को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह फैसला सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे व्यापक अभियानों के बीच लिया गया है।
क्यों बंद किए गए ये स्थल?
- इनमें से कुछ स्थलों पर सीधे आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन चल रहे हैं।
- कुछ ऐसे इलाकों में हैं जहां सुरक्षा खतरा ज्यादा है।
- बंद किए गए स्थलों में यूसमर्ग, दूदपथरी, अहरबल, बंगस वैली, वुलर झील जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल शामिल हैं।
खुले स्थलों पर क्या हो रहा है?
जो स्थल खुले हैं, वहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। सरकार चाहती है कि पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत न हो, लेकिन साथ ही आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी तैयारी की गई है।
पर्यटन पर क्या असर पड़ा?
पहलगाम हमले (26 लोगों की मौत) के बाद से कश्मीर में पर्यटकों की संख्या तेजी से घटी है:

- 23 अप्रैल को श्रीनगर एयरपोर्ट से केवल 17,653 यात्रियों ने सफर किया।
- 24 अप्रैल को यह संख्या घटकर 15,836 रह गई।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
- पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर, डोडा और किश्तवार में कई छापेमारी की।
- संदिग्ध आतंकियों और उनके सहयोगियों के 600 से ज्यादा ठिकानों को टारगेट किया गया।
- अब तक 9 घरों को गिराया गया है, जो आतंकी संगठनों से जुड़े थे।
क्या है सरकार का रुख?
जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाइयां कानून के दायरे में हो रही हैं। हर छापेमारी में मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाह मौजूद हैं ताकि किसी तरह की गलत कार्रवाई न हो।
निष्कर्ष
कश्मीर में इस समय सुरक्षा और पर्यटन के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है। सरकार चाहती है कि आतंकवाद पर कार्रवाई के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बचाया जाए, लेकिन फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।