रिपोर्ट- सुमन, जयपुर
जयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय द्वारकापुरी में गुरुवार को शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल की बदहाल व्यवस्था देखकर मंत्री हैरान रह गए।
शिक्षक मोबाइल पर खेलते मिले
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पाया कि कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के बजाय कुछ शिक्षक मोबाइल पर व्यस्त थे।
- मंत्री ने नाराजगी जताते हुए पूछा, “स्कूल में पढ़ाने आते हैं या मोबाइल चलाने?”
- उन्होंने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।

छात्रों को प्रार्थना और सामान्य ज्ञान का भी अभाव
मदन दिलावर ने कक्षा में बच्चों से प्रार्थना सुनाने को कहा, लेकिन छात्र प्रार्थना नहीं कर पाए।
- कक्षा 9 के छात्रों को यह तक नहीं पता था कि देश के प्रधानमंत्री कौन हैं।
- मंत्री ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया।
गुटका और चिप्स की थैलियां कक्षा में मिलीं
निरीक्षण के दौरान कक्षाओं में गुटके और चिप्स की थैलियां भी फैली मिलीं।
- मंत्री ने खुद चिप्स की थैली उठाकर शिक्षक को दिखाई और सफाई पर सवाल किया।
- उन्होंने कहा, “ये साफ-सफाई है या लापरवाही?”
मंत्री की सख्त चेतावनी
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों और शिक्षकों को साफ निर्देश दिए कि
- स्कूलों में अनुशासन और स्वच्छता पर ध्यान दें।
- बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कार दोनों दें।
- लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान में सरकारी स्कूलों की संख्या विभिन्न आँकड़ों के अनुसार अलग-अलग है, लेकिन 2024-25 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, लगभग 45,531 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय और 19,739 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं। जबकि अन्य रिपोर्टों में सरकारी स्कूलों की कुल संख्या लगभग 68,948 से 70,961 तक बताई गई है।
मदन दिलावर का यह औचक निरीक्षण सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था की हकीकत को उजागर करता है। यह घटना राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।