BY: Yoganand Shrivastva
बीजिंग: चीन में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दूसरे दिन भारत को बड़ी सफलता मिली। इस बैठक में जारी घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। सदस्य देशों ने साफ कहा कि इस हमले के आरोपियों और उनके समर्थकों को सख्त सजा दिलाना जरूरी है।
जून 2025 में हुई SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया था, जिसके चलते भारत ने उस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। अब भारत के दबाव के बाद इस मुद्दे को आधिकारिक घोषणापत्र में जगह दी गई।
पीएम मोदी का कड़ा संदेश: आतंकवाद पर दोहरा रवैया स्वीकार नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा:
- भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है।
- पहलगाम हमला आतंकवाद का सबसे भयावह रूप है।
- आतंकवाद पर किसी भी तरह का दोहरा रवैया या खुला समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मोदी ने सवाल उठाया कि कुछ देश आतंकवाद को खुला समर्थन देकर कैसे खुद को जिम्मेदार वैश्विक ताकत मान सकते हैं।
SCO समिट के मुख्य आकर्षण
- मोदी-पुतिन मुलाकात: प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेता बैठक के लिए एक ही कार से रवाना हुए।
- पुतिन का बयान: SCO को स्थिरता और सुरक्षा का नया मॉडल बताते हुए पुतिन ने कहा कि यह संगठन यूरोप-केन्द्रित और यूरो-अटलांटिक मॉडल का विकल्प बन रहा है।
- शी जिनपिंग का संबोधन: चीन के राष्ट्रपति ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ SCO के एजेंडे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया और धमकाने वाली वैश्विक राजनीति को अस्वीकार करने की बात कही।
- भारत-चीन रिश्ते: मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात में सीमा विवाद, व्यापार घाटा, सीधी उड़ानों की योजना और ग्लोबल संगठनों में सुधार पर चर्चा हुई।
- SCO में भारत का एजेंडा: इस समिट में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस वैश्विक सहयोग की मांग की।
पहलगाम हमला क्यों खास मुद्दा बना
26 अगस्त को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 34 निर्दोष लोगों की जान गई थी। SCO रक्षा मंत्रियों की जून बैठक में इस घटना का जिक्र न होने पर भारत ने आपत्ति जताई थी। इस बार भारत के दबाव के बाद न केवल इस हमले की निंदा की गई बल्कि आतंकियों और उनके समर्थकों को सख्त सजा देने का आह्वान भी किया गया।
SCO समिट के अहम तथ्य
- इस समिट में 20 से अधिक देशों के नेता शामिल हुए।
- 5 साल बाद मोदी का यह पहला चीन दौरा था।
- SCO सदस्य देशों को 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर की चीनी ग्रांट की घोषणा हुई।
- SCO को वैश्विक राजनीति में अमेरिका-केंद्रित ताकत के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।





