जमशेदपुर — जीएसटी (GST) घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 60 लाख रुपये की जब्ती की है। यह रकम 800 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल आरोपियों के कागजी कंपनियों के 10 बैंक खातों से जब्त की गई है। ED ने इस मामले में कोलकाता के कारोबारी शिव कुमार देवड़ा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है।
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जांच में क्या सामने आया?
- आरोपी शिव कुमार देवड़ा इस घोटाले का मास्टरमाइंड है।
- आरोपियों ने लगभग 14,325 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस बनाकर 800 करोड़ रुपये की GST चोरी की।
- इस काम के लिए उन्होंने 135 शेल कंपनियां बनाई थीं।
- ED ने आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे और मोबाइल, डिजिटल साक्ष्य तथा दस्तावेज जब्त किए।
अब तक की गिरफ्तारी और पूछताछ
- चार आरोपियों को ED ने गिरफ्तार किया है।
- इनमें से तीन आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं — जमशेदपुर के जुगसलाई के कारोबारी विक्की भालोटिया, कोलकाता के अमित गुप्ता और मोहित देवड़ा।
- ये सभी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची में बंद हैं।
- फिलहाल, शिव कुमार देवड़ा को पूछताछ के लिए रिमांड पर रखा गया है।
आरोपियों द्वारा किया गया घोटाला
- घोटाले के मुख्य आरोपी शिव कुमार देवड़ा ने सात कागजी कंपनियों के जरिए करीब 55.83 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- अमित और सुमित गुप्ता के निर्देशन में छह कंपनियां थीं, जिनके जरिए 47.51 करोड़ रुपये का फायदा उठाया गया।
- जमशेदपुर के विक्की भालोटिया ने छह शेल कंपनियों के माध्यम से 15.95 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
इस घोटाले का मतलब और प्रभाव
यह मामला भारत के टैक्स सिस्टम में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का उदाहरण है, जहां कागजी कंपनियों के जरिए फर्जी बिल बनाकर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया गया। ED की लगातार कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही और आरोपी पकड़ में आएंगे और मामले का पर्दाफाश होगा।