रिपोर्ट- नेमीचंद बंजारे, एडिट- विजय नंदन
धमतरी-गरियाबंद-नुआपड़ा डिविजन से ये बड़ी खबर है, राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत “अर्पण-समर्पण एवं पुनर्वास नीति” के तहत नक्सली नागेश, जैनी और मनीला ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। तीनों नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।

ये आत्मसमर्पण राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत “अर्पण-समर्पण एवं पुनर्वास नीति” के अंतर्गत हुआ है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तीनों नक्सली कई माओवादी वारदातों में शामिल रहे हैं और पिछले 5 से 8 वर्षों से इलाके में सक्रिय थे। बताया जा रहा है कि ये सभी एक बड़े नक्सली लीडर के सहयोगी के रूप में काम करते थे और कई घटनाओं की साजिश में इनकी भूमिका रही है। इस आत्मसमर्पण से क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है।

सरकार की नक्सल समर्पण नीति के अंतर्गत 2025 के आंकडे
- 16 नक्सली, सुकमा जिला (२ जून 2025)
- इन सभी ने “अर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025” और “नियाद नेलार” योजना के अंतर्गत आत्मसमर्पण किया। इनमें कुछ पर इनाम भी लगा था।
- 22 नक्सली, सुकमा जिला (अप्रैल 2025)
- कुल इनाम लगभग ₹40 लाख था।
- आत्मसमर्पण १३ पुरुष और ९ महिलाएँ शामिल थे।
- 14 हार्डकोर नक्सली, सुकमा (मई 2025)
- इनमें पाँच महिलाएँ थीं।
- कई पर ₹2 लाख तक का इनाम था।
- 103 नक्सली, बस्तर-बीजापुर जिले में (2 अक्टूबर 2025)
- इनमें 49 नक्सलियों पर कुल मिलाकर ₹1 करोड़ से अधिक का इनाम था।
दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कई अहम बातें कही। शाह बस्तर दशहरा उत्सव में शामिल हुए और मुरिया दरबार कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा एवं विकास योजनाओं की समीक्षा करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर बस्तर को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने के प्रयास कर रहे हैं। उनके दौरे को न केवल सुरक्षा मोर्चे से, बल्कि राजनीतिक और संगठनात्मक दृष्टि से भी माना जा रहा है, ताकि क्षेत्रीय नक्सली शक्तियों पर नियंत्रण और जनसमर्थन बढ़ाया जा सके।