भिंड, मध्य प्रदेश। ईद-उल-फितर के पवित्र मौके पर गोहद क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने जामा मस्जिद में ईद की नमाज़ पढ़ने से मुस्लिम समुदाय को रोक दिया, जिसके बाद लोगों में गुस्सा है। प्रशासन का कहना है कि मस्जिद के आसपास निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए सुरक्षा के चलते यह फैसला लिया गया। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं।

क्या हुआ पूरा मामला?
- गोहद की जामा मस्जिद में सालों से ईद की नमाज़ अदा की जाती रही है, लेकिन इस बार प्रशासन ने रोक लगा दी।
- प्रशासन का दावा है कि मस्जिद के पास कंस्ट्रक्शन चल रहा है, जिससे भीड़ जमा होने पर दुर्घटना हो सकती है।
- मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि कुछ वक्फ कमेटी सदस्यों के दबाव में प्रशासन ने यह फैसला लिया है।
- SDM और पुलिस ने मस्जिद के गेट पर खड़े होकर लोगों को अंदर जाने से रोका, जबकि सुबह फजर की नमाज़ यहाँ हुई थी।
प्रशासन का पक्ष
SDM पराग जैन ने कहा – “यहाँ आपसी विवाद है, इसलिए नमाज़ रोकी गई। ईदगाह में नमाज़ अदा की जा सकती है।”
वहीं, SDOP सौरव कुमार ने कहा – “हमें आदेश मिला था, इसलिए हमने पालन किया।”
क्या कहता है संविधान?
भारतीय संविधान धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन को ऐसे फैसले लेने का अधिकार भी है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह फैसला अनुचित है, क्योंकि पिछले साल भी यहाँ नमाज़ हुई थी।
अब क्या होगा?
स्थानीय नेताओं और मुस्लिम संगठनों ने प्रशासन से बातचीत शुरू कर दी है। वे चाहते हैं कि आने वाले त्योहारों में उन्हें बिना रोक-टोक के धार्मिक कार्यक्रम करने दिए जाएँ।