न्यूज हाइलाइट्स:
- कर्नल सोफिया कुरैशी का परिवार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव का रहने वाला।
- पिता कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी भी भारतीय सेना में थे, दादा भी सेना से जुड़े।
- सोफिया ने नौगांव के स्कूल में पढ़ाई की, आज पूरे देश की प्रेरणा बनीं।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया था बयान, लोगों ने कहा – “छतरपुर की बेटी ने कर दिखाया!”
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की वह बहादुर ऑफिसर हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को दुनिया के सामने रखा। उनका जन्म 1976 में पुणे में हुआ, लेकिन उनकी जड़ें मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव से जुड़ी हैं।
MP से खास कनेक्शन
- सोफिया ने नौगांव के जीडीसी स्कूल में पहली से तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की।
- उनके पिता कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर नौगांव हुआ तो पूरा परिवार यहां आकर बस गया।
- उनके दादा और पिता दोनों ने भारतीय सेना में सेवा दी। सोफिया ने परिवार की इसी परंपरा को आगे बढ़ाया।
भाई बंटी सुलेमान का गर्व
सोफिया के ममेरे भाई बंटी सुलेमान बताते हैं:
- “बचपन में सोफिया को पीठ पर बैठाकर स्कूल छोड़ने जाता था। आज वही बहन पूरे देश की प्रेरणा बन गई है!”
- “ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका देखकर पूरा नौगांव गर्व से भर गया।”
लोगों की प्रतिक्रिया
- समाजसेवी सनातन रावत: “हमें छतरपुर की इस बेटी पर गर्व है!”
- स्थानीय युवा: “सोफिया मैम ने साबित कर दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं!”
क्यों खास है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया। सोफिया ने इसकी जानकारी दुनिया के सामने रखी, जिससे उन्हें देशभर में सराहना मिली।
अंतिम बात:
कर्नल सोफिया कुरैशी ने न सिर्फ भारतीय सेना का नाम रोशन किया, बल्कि मध्य प्रदेश और छतरपुर को गौरवान्वित किया है। उनकी कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है!
“देश की सेवा में कोई लिंग नहीं, सिर्फ जुनून चाहिए!” – कर्नल सोफिया कुरैशी
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