बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मची हुई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने चिराग पासवान को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि चिराग हमेशा से बिहार को अपनी राजनीति का केंद्र मानते रहे हैं और अब समय आ गया है कि वे आम जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ें।
चिराग पासवान और बिहार की राजनीति: एक मजबूत रिश्ता
अरुण भारती ने बताया कि चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए बिहार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे:
- ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा देना
- मखाना बोर्ड की स्थापना कराना
- जातीय जनगणना को केंद्र की मंजूरी दिलाना
इन पहलों से यह साफ़ होता है कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति में गहराई से जुड़े हुए हैं।
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के पारिवारिक रिश्ते
चिराग पासवान के जीजाजी और सांसद अरुण भारती ने बताया कि चिराग और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच पारिवारिक संबंध हैं। हाल ही में जब चिराग पासवान शहीद परिवारों से मिलने गए थे, तब उनकी तेजस्वी यादव से मुलाकात हुई। यह मुलाकात राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक और मानवीय भावनाओं से प्रेरित थी।
चिराग पासवान: बिहार के हर वर्ग के नेता
अरुण भारती के अनुसार, चिराग पासवान हर वर्ग से जुड़े हुए नेता हैं। उन्होंने बायर-सेलर मीट के माध्यम से बिहार के किसानों को देश भर से लाभ पहुंचाने का काम किया है। जनता की यही उम्मीद है कि वे किसी सामान्य (अनारक्षित) सीट से चुनाव लड़ें ताकि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व बेहतर हो सके।
नीतीश कुमार के शासन में बिहार का सुशासन
जब पलायन और अपराध जैसे मुद्दों पर सवाल उठे, तो अरुण भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जंगलराज समाप्त कर सुशासन स्थापित किया है। लेकिन अब वक्त है कि युवा शक्ति और प्रधानमंत्री मोदी की ताकत के साथ बिहार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जाए।
सीट शेयरिंग पर अभी चल रहा है सर्वे
अरुण भारती ने सीट शेयरिंग को लेकर कहा कि अभी इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं है। पार्टी के अंदर ही इस बारे में चर्चा जारी है और आंतरिक सर्वे किया जा रहा है। गठबंधन दलों के बीच सहमति बनने के बाद सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
चिराग पासवान की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी: सटीक सफाई
अरुण भारती ने चिराग पासवान की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर चल रही अटकलों पर सफाई दी। उनका कहना है कि पद पर बैठने से व्यक्ति की नहीं, बल्कि पद की गरिमा बढ़ती है। इसलिए इस मुद्दे को गलत ढंग से न लिया जाए।
चिराग पासवान की बिहार की राजनीति में गहरी पकड़ और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता उन्हें विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए मजबूर करती है। अरुण भारती के समर्थन से यह बात और भी मजबूत हो गई है। बिहार की राजनीति में नया उछाल लाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।