🔍 मामला क्या है?
इंदौर पुलिस ने जाने-माने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे विवादास्पद कार्टून और टिप्पणियाँ साझा कीं, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भगवान शिव को लेकर आपत्तिजनक सामग्री प्रस्तुत की गई थी। इस मामले की शिकायत अधिवक्ता विनय जोशी ने लसूड़िया थाने में दर्ज कराई।
⚖️ किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?
हेमंत मालवीय पर भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की कई धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है, जिनमें शामिल हैं:
- धारा 196 – धर्म के आधार पर वैमनस्य बढ़ाने का प्रयास
- धारा 299 – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना
- धारा 302 – अपमानजनक शब्दों का जानबूझकर उपयोग
- धारा 352 – जानबूझकर अपमान करना
- धारा 353(2) – झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाना
- आईटी एक्ट की धारा 67ए – इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील या आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण
🕵️♂️ क्या यह पहली बार हुआ?
नहीं, यह पहली बार नहीं है जब हेमंत मालवीय विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी उनके कार्टूनों और सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर उन पर बाबा रामदेव और प्रधानमंत्री मोदी जैसे हस्तियों के विरुद्ध आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के आरोप लग चुके हैं। इन मामलों में भी एफआईआर दर्ज हुई थी और सोशल मीडिया पर भारी बहस देखने को मिली थी।
📱 सोशल मीडिया पर सक्रियता
हेमंत मालवीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेषकर फेसबुक पर काफी सक्रिय हैं। उनके हजारों फॉलोअर्स हैं, जो नियमित रूप से उनके द्वारा साझा किए जाने वाले राजनीतिक-समाजिक व्यंग्यकार्टून देखते हैं। हालांकि, कई बार उनकी पोस्ट्स विवादों को जन्म देती हैं और धार्मिक व राजनीतिक विवादों में तब्दील हो जाती हैं।
🧭 निष्कर्ष
यह पूरा मामला भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम धार्मिक भावनाओं के सम्मान की बहस को फिर से सामने लाता है। एक ओर कलात्मक अभिव्यक्ति है, तो दूसरी ओर धार्मिक आस्था और संवेदनशीलता का सवाल। सोशल मीडिया जैसे सार्वजनिक मंचों पर सामग्री साझा करते समय सतर्कता और जिम्मेदारी बरतना अब पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गया है।
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