1 जून को आगरा में उस समय हड़कंप मच गया, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की सुरक्षा में एक गंभीर चूक सामने आई। तीन बीजेपी कार्यकर्ता, जिनके नाम स्वागत सूची में नहीं थे, बिना किसी अनुमति के एयरपोर्ट पर पहुंच गए और उपराष्ट्रपति एवं उनकी पत्नी का स्वागत किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब सोशल मीडिया पर उनके साथ खींची गई तस्वीरें वायरल हो गईं।
क्या हुआ था एयरपोर्ट पर?
- उप राष्ट्रपति धनखड़ महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आगरा आए थे।
- जिला प्रशासन द्वारा उनके स्वागत के लिए 11 लोगों की आधिकारिक सूची तैयार की गई थी।
- बीजेपी कार्यकर्ता संजय अरोड़ा, रोहित कत्याल और सोनू कक्कड़ बिना नाम सूची में शामिल हुए, सीधे एयरपोर्ट पर पहुँच गए।
- चौंकाने वाली बात यह रही कि किसी भी सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें रोका नहीं।
- तीनों नेताओं ने उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी को स्वागत किया और बाद में उन्हें विदा भी किया।
फोटो वायरल होते ही हुआ खुलासा
इन कार्यकर्ताओं ने उपराष्ट्रपति के साथ ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर दीं, जिससे पूरा मामला सामने आया। तस्वीरें वायरल होते ही सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे:
- क्या ये लोग अधिकृत थे?
- सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
इसके बाद एडीएम प्रोटोकॉल प्रशांत तिवारी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए।
स्वागत सूची में कौन-कौन थे नामित?
उपराष्ट्रपति के स्वागत और विदाई के लिए जिन प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया था, उनमें शामिल थे:
- केंद्रीय राज्यमंत्री एस.पी. सिंह बघेल
- सांसद राजकुमार चाहर
- राज्यसभा सदस्य नवीन जैन
- कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य और योगेंद्र उपाध्याय
- राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति
- जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया
- जिला अध्यक्ष प्रशांत पौनिया
- महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता
- महापौर हेमलता दिवाकर
इन 11 लोगों को ही उपराष्ट्रपति के स्वागत-सत्कार कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।
सुरक्षा में चूक क्यों बनी चिंता का विषय?
भारत के उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति की सुरक्षा में इस प्रकार की चूक:
- सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल की गंभीर अनदेखी को दर्शाती है।
- भविष्य में किसी भी अनहोनी की आशंका को जन्म देती है।
- यह मामला केवल आगरा तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
अब आगे क्या?
- जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
- एयरपोर्ट अथॉरिटी से स्पष्ट जवाब मांगा गया है कि बिना अनुमति लोग अंदर कैसे घुसे?
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रोटोकॉल को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
उच्च पदों की सुरक्षा कोई साधारण विषय नहीं
उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद की सुरक्षा में ऐसी चूक, चाहे अनजाने में हो या जानबूझकर, एक गंभीर चेतावनी है। सोशल मीडिया पर वायरल फोटो ने न केवल इस मामले को उजागर किया, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की वास्तविकता भी सामने रख दी।
सख्त जांच, जवाबदेही तय करना, और भविष्य के लिए सबक लेना अब प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गई है।