BY: Yoganand Shrivastva
जयसलमेर: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया। उन्होंने जैसलमेर के पास स्थित लोंगेवाला पोस्ट पर पहुँचकर जवानों से मुलाकात की और उनकी वीरता की सराहना की। साथ ही, मुख्य रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भी सेना और वायुसेना के अहम ठिकानों का निरीक्षण किया और सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की।
जवानों से मिले सेना प्रमुख, ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई की समीक्षा
जनरल द्विवेदी ने कोणार्क कॉर्प्स के अग्रिम मोर्चे लोंगेवाला में सैनिकों से बातचीत की और उन्हें पाकिस्तानी गतिविधियों को विफल करने के लिए बधाई दी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई कार्रवाई की समीक्षा की और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की।
लोंगेवाला का ऐतिहासिक महत्व है — यहीं 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बड़ी सैन्य टुकड़ी को पीछे धकेल दिया था। महज 120 भारतीय सैनिकों ने 3,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों और 46 टैंकों का मुकाबला कर जीत हासिल की थी। यह वही लड़ाई है, जिस पर प्रसिद्ध फिल्म ‘बॉर्डर’ आधारित है।
‘भारत माता की जय’ के नारों से गूंजा बॉर्डर इलाका
आर्मी चीफ की मौजूदगी में जवानों ने ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया। दौरे के दौरान सेना प्रमुख ने जवानों की तैयारियों, मनोबल और सीमाई इलाकों में तैनाती की स्थिति का भी आकलन किया।
CDS जनरल अनिल चौहान ने भी किया अग्रिम ठिकानों का दौरा
थलसेना प्रमुख के दौरे के बाद, CDS जनरल अनिल चौहान ने भी सूरतगढ़ सैन्य स्टेशन और नलिया वायुसेना स्टेशन का निरीक्षण किया। इन दोनों ठिकानों को रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत अहम माना जाता है। जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों की वीरता की प्रशंसा करते हुए कहा कि
“देश की रक्षा में जवानों का समर्पण और साहस अद्वितीय है। हमें आने वाले किसी भी खतरे के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।”
उन्होंने सेना और वायुसेना के अधिकारियों से वर्तमान सुरक्षा स्थिति, तकनीकी तैयारियों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की।