BY: Yoganand Shrivastva
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि चीन भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है और यह आने वाले समय में भी बनी रहेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात रखी।
सीमा विवाद को बताया प्रमुख खतरा
जनरल चौहान ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत के लिए लंबे समय से सबसे बड़ा मुद्दा है। यह सिर्फ एक तात्कालिक समस्या नहीं बल्कि भविष्य में भी भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के मामले में पाकिस्तान से मिलने वाला खतरा दूसरा सबसे बड़ा है, जो लंबे समय से भारत के खिलाफ छद्म युद्ध (प्रॉक्सी वॉर) चला रहा है।
पाकिस्तान पर भी कसा तंज
सीडीएस चौहान ने कहा कि पाकिस्तान की “हजारों घाव देकर भारत को कमजोर करने” की नीति आज भी जारी है। यह प्रॉक्सी वॉर भारत के लिए गंभीर खतरा है और इससे निपटना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेगा।
क्षेत्रीय अस्थिरता और नई युद्ध तकनीकें चिंता का विषय
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के पड़ोसी देश राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इसके अलावा युद्ध का स्वरूप भी बदल रहा है। अब यह सिर्फ जमीनी या हवाई लड़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि साइबर और स्पेस वॉर जैसी नई तकनीकों ने इसे और जटिल बना दिया है।
दोनों प्रतिद्वंद्वी परमाणु शक्तियां
सीडीएस ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह भी है कि उसके दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी—पाकिस्तान और चीन—परमाणु हथियारों से लैस हैं। इसलिए इनके खिलाफ कोई भी रणनीतिक कदम सोच-समझकर उठाना पड़ता है।
गोरखपुर में सीडीएस का कार्यक्रम
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ महाराज और महंत अवैद्यनाथ महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित वार्षिक व्याख्यानमाला में जनरल चौहान ने ‘भारत के सामने राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां’ विषय पर संबोधन दिया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।