रिपोर्ट- लोकेश सिन्हा
पूर्व उपसंचालक और डीडीओ पर FIR दर्ज
गरियाबंद। समाज कल्याण विभाग का नाम सुनते ही दिमाग में गरीबों, दिव्यांगों और जरूरतमंदों की मदद करने वाली योजनाएं आती हैं। लेकिन गरियाबंद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां इसी विभाग के पूर्व अधिकारी लूट के खेल में शामिल पाए गए। विभाग के पूर्व उपसंचालक एल.एस. मार्को और पूर्व डीडीओ मुन्नीलाल पाल पर 3 करोड़ 25 लाख 50 हजार रुपये के घोटाले का आरोप लगा है।
2016 से 2022 के बीच हुआ घोटाला
जांच में सामने आया कि यह मामला 2016 से 2022 के बीच का है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने जागरूकता अभियान, पेंशन योजना, दिव्यांग प्रोत्साहन और पुनर्वास शिविरों के नाम पर सीधे रायपुर के उच्च कार्यालय से करोड़ों की राशि मंगवाई।
नियमों के अनुसार, किसी भी विभाग को कलेक्टर की अनुशंसा पर ही उच्च कार्यालय से धनराशि मिलती है। लेकिन गरियाबंद के आधिकारिक दस्तावेजों में इस धनराशि का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
बैंकों में खोले गए अलग खाते
आरोपियों ने गरियाबंद, धमतरी और रायपुर के बैंकों में अलग-अलग खाते खोले और सरकारी रकम वहां जमा कर दी। इसके बाद सेल्फ चेक या कुछ लोगों के नाम पर राशि निकालकर उसे निजी इस्तेमाल में लाया गया।
कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने कराई जांच
शिकायत मिलने पर तत्कालीन कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। इस टीम में जिला कोषालय और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल थे। जांच में आरोप सही पाए जाने पर कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस जांच में जुटी
आज गरियाबंद सिटी कोतवाली में दोनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (समान इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस अब गरियाबंद, धमतरी और रायपुर स्थित बैंक खातों की जांच कर रही है। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही दोनों पूर्व अफसरों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा।