जुलाई 2025 में मध्यप्रदेश ने मानसून का असली रंग देखा। पूरे प्रदेश में इतनी बारिश हुई कि कई सड़कें तालाब जैसी नजर आईं। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में जलभराव और डैम ओवरफ्लो की स्थितियां बनीं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त में भी बारिश का यही सिलसिला जारी रह सकता है।
जुलाई में बारिश का रिकॉर्ड
- औसत से 59% ज्यादा बारिश: 1 जून से अब तक प्रदेश में करीब 28 इंच पानी गिरा।
- जुलाई का आंकड़ा: औसत 12.5 इंच के मुकाबले 21 इंच बारिश हुई।
- सबसे ज्यादा असर: जबलपुर, सागर, रीवा-शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम और ग्वालियर-चंबल में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज।
- कम बारिश वाले जिले: इंदौर और बुरहानपुर।
बाढ़ और जलभराव की स्थिति
रायसेन, शिवपुरी, गुना, सिवनी, मंडला और श्योपुर समेत कई जिलों में नदियां उफान पर रहीं और बाढ़ की स्थिति बनी।
अगस्त में कैसा रहेगा मौसम?
IMD की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक:
- पहला सप्ताह: भारी बारिश की संभावना कम।
- दूसरा सप्ताह: ग्वालियर-चंबल और रीवा संभाग में तेज बारिश के आसार।
- कुल मिलाकर: अगस्त में 15 से 20 इंच तक बारिश हो सकती है।
डैम और जलाशयों की स्थिति
- जुलाई की बारिश के बाद बरगी, जौहिला, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर समेत कई डैम के गेट खोले गए।
- प्रदेश के 54 बड़े डैम में पानी की आवक बढ़ी।
- भोपाल का बड़ा तालाब अब महज ढाई फीट खाली है।
- अगस्त में तेज बारिश हुई तो अधिकांश डैम लबालब भर जाएंगे।
एमपी के बड़े शहरों में बारिश के रिकॉर्ड
भोपाल
- सर्वाधिक बारिश: अगस्त 2006 में 35 इंच।
- 24 घंटे का रिकॉर्ड: 14 अगस्त 2006 को करीब 12 इंच।
- औसत: अगस्त में 14 दिनों तक बारिश।
इंदौर
- इतिहासिक रिकॉर्ड: अगस्त 1944 में 28 इंच।
- 24 घंटे का रिकॉर्ड: 22 अगस्त 2020 को 10.5 इंच।
- औसत: 10-11 इंच, 12-13 दिन बारिश।
ग्वालियर
- 24 घंटे का रिकॉर्ड: 10 अगस्त 1927 को 8.5 इंच।
- सर्वाधिक मासिक: 1916 में 28 इंच।
- औसत: 9.5 इंच, लगभग 12 दिन बारिश।
जबलपुर
- सर्वाधिक: अगस्त 1923 में 44 इंच।
- 24 घंटे का रिकॉर्ड: 20 अगस्त 1923 को 13 इंच।
- औसत: 18 इंच, 16 दिन बारिश।
उज्जैन
- सर्वाधिक: अगस्त 2006 में 35 इंच।
- 24 घंटे का रिकॉर्ड: 10 अगस्त 2006 को 12 इंच।
- औसत: 10 इंच, 10-11 दिन बारिश।
यह खबर बी पढें: अब ग्वालियर में पुलिस करेगी स्कॉर्पियो से गश्त: डायल 100 बदलेगा 112 में, 9 नए वाहन होंगे शामिल
मध्यप्रदेश में इस साल जुलाई ने बारिश का नया इतिहास रच दिया है। जहां कई जिलों में बाढ़ और जलभराव ने मुश्किलें बढ़ाईं, वहीं अगस्त में भी अच्छी बारिश की उम्मीद है। इससे फसलों और डैमों को फायदा होगा, लेकिन जलभराव से निपटने की चुनौतियां बनी रहेंगी।