BY: Yoganand Shrivastva
सोचिए ज़रा, आप मुंबई की किसी चौराहे पर रेड लाइट पर गाड़ी रोकें… एक अधेड़ उम्र का साधारण-सा दिखने वाला व्यक्ति हाथ में कटोरा लिए आपके पास आए और आप उसे एक-दो रुपये देकर आगे बढ़ जाएं। लेकिन क्या होगा अगर आपको बाद में पता चले कि ये वही आदमी है जिसके पास 2-2 करोड़ के फ्लैट, थाणे में कमर्शियल प्रॉपर्टी, बच्चों के लिए कॉन्वेंट स्कूल की फीस और स्टेशनरी बिजनेस तक है!
जी हां, हम बात कर रहे हैं उस नाम की जिसने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा रखा है – भरत जैन, जिसे दुनिया का सबसे अमीर भिखारी (World’s Richest Beggar) कहा जा रहा है।
कैसे शुरू हुई भरत जैन की कहानी?
भरत जैन का जन्म एक सामान्य, निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनका परिवार मुंबई की झुग्गियों में जीवन काट रहा था। बचपन तंगी और संघर्ष में बीता। दो वक्त की रोटी के लिए उनके माता-पिता कभी मजदूरी करते, कभी फुटपाथ पर कुछ बेचने की कोशिश करते। लेकिन गरीबी ऐसी थी कि भरत को कम उम्र में ही स्कूल छोड़कर काम पर लगना पड़ा।
भीख मांगना बना मजबूरी…
मुंबई की सड़कों पर वह बचपन से इधर-उधर भीख मांगते देखे गए। कभी चर्चगेट स्टेशन, कभी सीएसटी के बाहर, तो कभी अंधेरी के सिग्नल पर। लेकिन एक बात जो भरत में अलग थी — वह थे उनकी सोच और पैसों को संभालने का तरीका।
कैसे बना ₹2 वाली भीख से करोड़ों का साम्राज्य?
भीख मांगने वाले कई होते हैं, लेकिन भरत जैन ने इसे एक “सिस्टम” बना डाला। आइए एक नजर डालते हैं भरत के उस सफर पर जो उन्हें बना देता है आम भिखारियों से बेहद अलग:
1. मुंबई के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में “लोकेशन चॉइस”:
भरत हमेशा हाई ट्रैफिक इलाकों में दिखते थे – मलाड, चर्चगेट, सीएसटी। इन जगहों पर भीख की ‘कमी’ नहीं होती।
2. 2,000 से 2,500 रुपये की दैनिक कमाई:
भरत का औसत रोज़ाना का कलेक्शन 2000 से 2500 रुपये तक बताया जाता है। यानी हर महीने 60,000 से ज्यादा का शुद्ध लाभ।
3. पैसों की सही निवेश नीति:
भरत ने पैसे बर्बाद नहीं किए। उन्होंने मुंबई में दो फ्लैट खरीद लिए। दोनों फ्लैट की कुल कीमत लगभग ₹1.4 करोड़ आंकी गई है।
4. कमर्शियल प्रॉपर्टी और रेंट इनकम:
मुंबई के थाणे में भरत ने एक कमर्शियल स्पेस लिया जिसे किराये पर चढ़ाया गया है। यहां से उन्हें हर महीने ₹30,000 की आय होती है।
5. बच्चों की महंगी शिक्षा और व्यवसाय:
भरत के दोनों बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़े। आज वह एक छोटा लेकिन सफल स्टेशनरी का बिजनेस भी चला रहे हैं।
VIRAL STORY: कैसे आई भरत जैन की सच्चाई सामने?
इस कहानी ने इंटरनेट को जैसे हिला ही दिया। कुछ समय पहले भरत की तस्वीर और इनकम की डिटेल्स सोशल मीडिया पर वायरल हुई। लोग हैरान रह गए कि जो इंसान दिनभर ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगता है, उसके पास करोड़ों की संपत्ति है!
ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक पर लाखों शेयर:
ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा:
“अब समझ आया असली स्टार्टअप किसे कहते हैं – भरत जैन, सैल्यूट!”
मीडिया रिपोर्ट्स:
The Financial Express और Times Now जैसे प्रमुख पोर्टल्स ने भरत की स्टोरी कवर की। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में वह अभी भी एक “बिना पेशा” व्यक्ति ही दर्ज हैं।
क्यों आज भी भीख मांगते हैं भरत जैन?
अब ये सवाल हर किसी के मन में उठता है कि जब भरत के पास इतनी संपत्ति है तो वे अब भी भीख क्यों मांगते हैं?
आदत या एक ‘साइकोलॉजिकल डिपेंडेंसी’:
विशेषज्ञों का मानना है कि भरत जैसे लोग भीख को एक “जीवनशैली” के रूप में अपनाते हैं। उन्हें भीड़ में रहना, लोगों से बातचीत करना, सिग्नल पर खड़े रहना – ये सब एक रूटीन बन जाता है।
कमाई का सहज जरिया:
जैसे किसी को ऑफिस जाना आदत होती है, भरत के लिए भी “काम पर जाना” मतलब सिग्नल पर बैठना। इससे प्रतिदिन उन्हें जो आमदनी होती है, वो उनकी मानसिक शांति बन गई है।
नेट वर्थ: कितनी है भरत जैन की कुल संपत्ति?
संपत्ति | अनुमानित मूल्य |
---|---|
दो फ्लैट – मुंबई | ₹1.4 करोड़ |
कमर्शियल प्रॉपर्टी – थाणे | ₹75 लाख |
मासिक किराया आय | ₹30,000 |
मासिक भीख आमदनी | ₹60,000 |
स्टेशनरी बिजनेस | ₹15,000/माह अनुमानित |
कुल अनुमानित नेट वर्थ | ₹7.5 करोड़+ |
लोगों की प्रतिक्रियाएं: हीरो या धोखा?
इस मामले पर सोशल मीडिया पर दो धाराएं साफ दिखती हैं:
समर्थन करने वाले:
“कम से कम उसने चोरी नहीं की, मेहनत की – जैसे भी, लेकिन खुद को और अपने परिवार को बेहतर जिंदगी दी।”
आलोचक:
“जब वो खुद करोड़पति है तो गरीबों की भीख क्यों लेता है? यह नैतिक रूप से गलत है।”
कानूनी सवाल: क्या भीख मांगना अपराध है?
भारतीय कानून के अनुसार, Bombay Prevention of Begging Act, 1959 के अंतर्गत भीख मांगना अपराध माना गया है। लेकिन भारत के कई राज्यों में यह कानून लागू नहीं है। मुंबई में तकनीकी रूप से यह अपराध है, पर व्यावहारिक रूप से इसे सख्ती से लागू नहीं किया गया। भरत जैन के खिलाफ किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
भरत जैन – एक पहेली या प्रेरणा?
भरत जैन की कहानी एक सस्पेंस फिल्म जैसी लगती है – एक आदमी जो झुग्गी से उठा, सड़कों पर भीख मांगी, करोड़ों की संपत्ति बनाई, फिर भी उसी सिग्नल पर बैठा है।
ये कहानी प्रेरणा भी देती है और एक बड़ा सामाजिक सवाल भी खड़ा करती है – क्या गरीबी एक परिस्थिति है या एक मानसिकता? क्या सरकारी योजनाएं सही लोगों तक पहुंच रही हैं या ऐसे लोग सिस्टम का फायदा उठा रहे हैं?
भविष्य क्या कहता है?
भरत जैन अब इंटरनेट स्टार बन चुके हैं। कई डॉक्युमेंट्रीज़ और यूट्यूब चैनल उनके जीवन पर आधारित वीडियो बना रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि आने वाले समय में भरत पर वेब सीरीज़ या फिल्म भी बन सकती है।
भीख मांगने वाले हाथों में करोड़ों की ताकत भी हो सकती है… दुनिया का सबसे अमीर भिखारी आपको यह सिखाता है कि किस्मत, सोच और सिस्टम को समझने की क्षमता हो तो कोई भी इंसान “रंक से राजा” बन सकता है।