BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल/नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की हालिया टिप्पणी पर सियासत गरमा गई है। शिवराज सिंह द्वारा संविधान की प्रस्तावना से “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्द हटाने की वकालत किए जाने के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने तीखा पलटवार किया है।
प्रमोद तिवारी का दो टूक बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का सपना कभी साकार नहीं होगा। तिवारी ने कटाक्ष करते हुए पूछा, “क्या शिवराज अब संविधान से ‘समाजवादी’ शब्द हटाकर उसकी जगह ‘पूंजीवादी’ लिखना चाहते हैं? क्या वे देश को ‘हम दो, हमारे दो’ की नीति के हवाले करना चाहते हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल शिवराज का सपना है, जिसे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) कभी हकीकत नहीं बनने देंगे।
आरक्षण और संविधान की रक्षा का संकल्प
प्रमोद तिवारी ने अपने बयान में यह भी दोहराया कि यदि केंद्र सरकार संविधान की मूल आत्मा या आरक्षण व्यवस्था से छेड़छाड़ करने की कोशिश करती है, तो कांग्रेस उसका कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“देश का संविधान बाबा साहेब आंबेडकर की प्रेरणा है और हम उसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होने देंगे।”
राजनीतिक विश्लेषण
शिवराज सिंह चौहान के बयान को बीजेपी के वैचारिक एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय और संविधान की मूल भावना पर हमला मान रही है। ऐसे बयानों से आने वाले समय में संसद और चुनावी मंचों पर जोरदार बहस की संभावना जताई जा रही है।
जहां शिवराज सिंह चौहान “समाजवादी” शब्द के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे लोकतंत्र और समानता पर खतरा मान रही है। अब देखना यह है कि यह वैचारिक संघर्ष सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहता है या आगामी सत्रों और चुनावों में कोई बड़ा राजनीतिक मोड़ लेता है।