मध्य प्रदेश में मानसून ने इस साल समय से पहले एंट्री लेकर पूरे प्रदेश को तरबतर कर दिया है। सामान्यत: मानसून 15 जून को आता है, लेकिन इस बार यह तीन दिन में ही 54 जिलों को भिगो चुका है। मौसम विभाग ने अगले 96 घंटों तक मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया है।
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54 जिलों में बारिश, भिंड में एंट्री बाकी
- पिछले तीन दिनों में प्रदेश के 54 जिलों में मानसून पहुंच चुका है।
- सिर्फ भिंड जिला ऐसा है जहां गुरुवार तक मानसून की एंट्री संभावित है।
- भोपाल में हल्की बारिश और बादल छाए रहे, वहीं रतलाम और अशोकनगर में तेज बारिश हुई।
अगले 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट: जानिए वजह
प्रदेश में मौसमी सिस्टम पूरी तरह एक्टिव हो चुका है:
- 2 लो प्रेशर एरिया और
- 3 साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय हैं।
इनकी वजह से:
- ग्वालियर-चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना और गुना जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी।
- अगले 96 घंटे तक पूरे प्रदेश में भारी से अति भारी बारिश की संभावना।
- 24 घंटे में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो सकती है।
तापमान में गिरावट, गर्मी से राहत
बारिश और आंधी के चलते प्रदेश के तापमान में गिरावट दर्ज की गई:
शहर | अधिकतम तापमान |
---|---|
भोपाल | 33°C |
इंदौर | 31.4°C |
ग्वालियर | 35.5°C |
उज्जैन | 31.7°C |
जबलपुर | 37.4°C |
टीकमगढ़ | 38.5°C (सबसे अधिक) |
- औसतन 2 डिग्री तक तापमान में गिरावट आई है।
मानसून की प्रगति और टाइमलाइन
- मानसून इस बार देश में 8 दिन पहले आ गया था।
- महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में समय से पहले पहुंच गया।
- MP में मानसून 13-14 जून को बढ़ा और 1 दिन देरी से पहुंचा।
- फिर भी सिर्फ 3 दिन में पूरे प्रदेश में फैल गया।
- 2024 में मानसून 21 जून को एमपी में आया था।
पिछले 10 वर्षों का रुझान: बारिश और गर्मी का पैटर्न
- 2020 में जून में 16 इंच तक बारिश हुई थी – रिकॉर्ड वर्ष।
- 2024 में 10.9 इंच बारिश हुई – दूसरी सबसे ज्यादा।
- 23 जून 2003 को 24 घंटे में 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड है।
- 1980 में जून में इंदौर में 17 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
जून में गर्मी का ट्रेंड
- पिछले 5 वर्षों (2020-2024) में जून में अपेक्षाकृत कम गर्मी रही।
- अधिकतम तापमान 39.6°C से 41.1°C के बीच रहा।
- सिर्फ कुछ वर्षों में ही पारा 45 डिग्री से पार गया।
बारिश से राहत और सावधानी दोनों जरूरी
मध्य प्रदेश में मानसून की तगड़ी शुरुआत से एक ओर जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं भारी बारिश के कारण कई जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात भी बन सकते हैं। नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है और मौसम विभाग के अलर्ट्स पर नजर बनाए रखनी चाहिए।