संदीप रेड्डी वांगा की अपकमिंग फिल्म ‘स्पिरिट’ से बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के बाहर होने की खबर ने फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। इसके बाद दोनों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। दीपिका के जाने के पीछे क्या सिर्फ फीस की मांग थी या कुछ और बड़ा कारण छिपा है?
दीपिका और ‘स्पिरिट’ विवाद
- दीपिका पादुकोण ने ₹25 करोड़ की फीस और 10% प्रॉफिट शेयर की मांग की थी।
- मेकर्स को स्क्रिप्ट लीक होने की चिंता थी।
- वांगा को दीपिका का पीआर गेम “गंदा” लगा और उन्होंने सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा।
- अब उनकी जगह फिल्म में तृप्ति डिमरी को ले लिया गया है।
विवाद की असली वजह: सिर्फ फीस नहीं, व्यवहार भी मायने रखता है
एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपिका की फीस मांग के अलावा उनके कुछ शर्तें मेकर्स को नागवार गुजरीं:
- केवल 35 दिनों की शूटिंग के लिए ₹25 करोड़ फीस।
- मुनाफे में 10% की हिस्सेदारी।
- तेलुगू डायलॉग खुद न बोलने की शर्त।
- स्क्रिप्ट लीक होने की खबर से प्रोडक्शन टीम पहले से ही तनाव में थी।
8 घंटे की शिफ्ट कोई मुद्दा नहीं
सूत्रों के अनुसार, “शूटिंग की 8 घंटे की शिफ्ट असली मुद्दा नहीं है। फिल्ममेकिंग में शूटिंग का समय लोकेशन, तकनीक और लाइटिंग पर निर्भर करता है। कभी 2 घंटे, तो कभी 10 घंटे तक भी काम होता है।”
क्या दीपिका का रवैया अनप्रोफेशनल था?
फिल्म यूनिट से जुड़े लोगों का कहना है कि दक्षिण भारतीय एक्टर्स खुद हिंदी सीखकर डायलॉग बोलते हैं ताकि दर्शकों से बेहतर जुड़ाव हो सके।
वहीं, संदीप रेड्डी वांगा मानते हैं कि एक एक्टर का खुद डायलॉग बोलना जरूरी है। जब दीपिका ने तेलुगू डायलॉग खुद न बोलने की बात कही, तो वांगा को यह अनप्रोफेशनल और भावनात्मक कनेक्ट में रुकावट लगा।
फिल्म इंडस्ट्री में भी हो रही चर्चा
इस विवाद ने सिर्फ एक फिल्म से जुड़ा मसला नहीं उठाया, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में कामकाजी महिलाओं, खासकर नई मांओं की परिस्थितियों पर भी चर्चा शुरू कर दी है।
- मणिरत्नम, अजय देवगन और सैफ अली खान ने दीपिका का समर्थन किया।
- लैंगिक भेदभाव और शूटिंग शेड्यूल को लेकर इंडस्ट्री में नए सवाल खड़े हो रहे हैं।
दीपिका की टीम की चुप्पी
फिलहाल दीपिका पादुकोण की टीम ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस विवाद ने काफी ध्यान खींचा है और फैंस दो भागों में बंट गए हैं।
असली मुद्दा क्या है?
दीपिका पादुकोण का फिल्म ‘स्पिरिट’ से बाहर होना केवल फीस या शेड्यूल का मामला नहीं है। इसमें पेशेवर प्रतिबद्धता, स्क्रिप्ट की सुरक्षा, और संवाद की जिम्मेदारी जैसे कई पहलू जुड़े हैं। यह विवाद दिखाता है कि स्टार पावर के बावजूद हर निर्णय में संतुलन, पारदर्शिता और सहयोग जरूरी है।