क्या हुआ था पहलगाम में?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 30 से ज्यादा हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया। आतंकियों ने लोगों से उनका नाम और धर्म पूछा, और जिन्होंने खुद को हिंदू बताया, उन्हें “कलमा पढ़ने” के लिए मजबूर किया गया। अगर इनकार किया, तो सिर में गोली मार दी गई।
इसी क्रूरता का शिकार हुए कानपुर के शुभम द्विवेदी, जिनकी पत्नी के सामने ही उन्हें गोली मार दी गई। शुभम ने जब इस्लाम कबूल करने से इनकार किया, तो आतंकियों ने उन्हें ठंडे खून से मार डाला।
“हम तुम्हें छोड़ रहे हैं, ताकि तुम सरकार को बताओ…”
शुभम की पत्नी एशान्या ने बताया कि हमले के दौरान आतंकियों ने उनसे कहा:
- “अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो हम तुम्हें छोड़ देंगे।”
- “हम तुम्हें जिंदा छोड़ रहे हैं, ताकि तुम मोदी सरकार को बता सको कि हम क्या कर सकते हैं।”
एशान्या सदमे में हैं, जबकि शुभम का शव अभी भी कश्मीर से कानपुर लाने का इंतजार कर रहा है।
शुभम कौन थे?
- कानपुर के हाथीपुर चंदन चक्की के रहने वाले।
- सीमेंट का व्यवसाय करते थे।
- महज दो महीने पहले ही शादी हुई थी और परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे।
- घटना के वक्त वे पहलगाम में घुड़सवारी कर रहे थे।
क्या यह धार्मिक सफाया था?
आतंकियों ने सिर्फ हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया:
- शुभम के अलावा आदिल नाम के एक युवक की भी हत्या की गई।
- महिलाओं को जानबूझकर छोड़ा गया, ताकि वे “खौफ की कहानी” बता सकें।
यह हमला आतंक नहीं, बल्कि धार्मिक उन्माद का उदाहरण है, जहां निर्दोष पर्यटकों को सिर्फ उनकी पहचान के लिए मारा गया।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- पीएम मोदी सऊदी दौरे से छुट्टी काटकर वापस लौटे।
- अमित शाह ने हाई-लेवल मीटिंग बुलाई।
- लेकिन सवाल यह है: क्या कश्मीर में हिंदू पर्यटक सुरक्षित नहीं?
क्या यह नया पैटर्न है?
इस हमले ने एक डरावनी रणनीति उजागर की है:
- पर्यटकों को टारगेट करना – क्योंकि वे आसान शिकार होते हैं।
- धर्म के आधार पर चयन – सिर्फ हिंदुओं को मारा गया।
- महिलाओं को जिंदा छोड़ना – ताकि वे सरकार को चुनौती दे सकें।
क्या होगा आगे?
- क्या केंद्र सरकार कश्मीर में जिहादी आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी?
- क्या हिंदू पर्यटक अब कश्मीर जाने से डरेंगे?
- क्या यह हमला “गोवा जिहाद” जैसी नई रणनीति का हिस्सा है?
आपकी राय क्या है? क्या भारत सरकार को कश्मीर में “वन-नेशन, वन लॉ” लागू करना चाहिए? कमेंट में बताएं।