BY: Yoganand Shrivastva
कोटा : भारतीय रेलवे ने गति और तकनीक के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। स्वदेशी तकनीक से बनी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में हुए स्पीड ट्रायल के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार प्राप्त कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह सफलता ट्रेन के भारी और खाली दोनों संस्करणों में हासिल की गई, जिससे इसकी तकनीकी क्षमता और स्थिरता की पुष्टि होती है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रेन का परीक्षण अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ की टीम द्वारा किया गया। यह ट्रेन वंदे भारत स्लीपर श्रृंखला की दूसरी रेक (संस्करण-दो, 16 कोच) है। परीक्षण का आरंभ 2 नवंबर से किया गया था। पिछले सप्ताह 908 टन भार के साथ ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार प्राप्त की थी, जबकि सोमवार को 800 टन के खाली रेक पर भी यह ट्रायल सफल रहा।
‘मिशन रफ्तार’ और ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में बड़ी उपलब्धि
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि भारत के ‘मिशन रफ्तार’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस ट्रायल के दौरान इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड और फेवले इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
100 किलोमीटर की दूरी पर सफल परीक्षण
वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक सौरभ जैन के अनुसार, परीक्षण रोहलखुर्द–इंद्रगढ़–कोटा खंड पर किया गया, जिसमें ट्रेन ने 100 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान ट्रेन ने न केवल अधिकतम गति हासिल की बल्कि दो अन्य प्रमुख तकनीकी परीक्षणों को भी सफलता पूर्वक पूरा किया। उन्होंने बताया कि इन परीक्षणों का मुख्य उद्देश्य उच्च गति पर ट्रेन की स्थिरता, सुरक्षा और अन्य तकनीकी पहलुओं का वैज्ञानिक मूल्यांकन करना था। यह उपलब्धि भारतीय रेल की आत्मनिर्भरता और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा की दिशा में एक और मजबूत कदम साबित होगी।





