BY: Yoganand Shrivastva
महाराष्ट्र : पुणे जिले के शिरूर तालुका के पिंपरखेड और आस-पास के क्षेत्रों में पिछले 20 दिनों से लोगों पर हमला कर आतंक फैलाने वाले नरभक्षी तेंदुए को आखिरकार वन विभाग की टीम ने मार गिराया। इस अभियान के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
इस नरभक्षी तेंदुए ने 12 अक्टूबर 2025 को 6 वर्षीय शिवन्या बोंबे, 22 अक्टूबर को 70 वर्षीय भागुबाई जाधव, और 2 नवंबर को 13 वर्षीय रोहन बोंबे को अपना शिकार बनाया था। लगातार होने वाले हमलों के कारण पूरे इलाके में भय का माहौल था।
नागरिकों ने किया आंदोलन
तेंदुए के हमलों के विरोध में स्थानीय लोग 12 और 22 अक्टूबर को पंचतळे में बेल्हे–जेजुरी राज्य मार्ग और 3 नवंबर को मंचर में पुणे–नाशिक महामार्ग पर धरना देकर करीब 18 घंटे तक मार्ग अवरुद्ध रखा। गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग की गश्ती गाड़ी और स्थानीय बेस कैंप की इमारत को भी आग लगा दी थी।
वन विभाग ने जारी किया मार गिराने का आदेश
स्थिति गंभीर होने पर वनसंरक्षक पुणे आशिष ठाकरे ने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक नागपुर से अनुमति लेकर तेंदुए को पकड़ने या मार गिराने का आदेश दिया। इस विशेष अभियान में पुणे की रेस्क्यू संस्था के डॉ. सात्विक पाठक (पशु चिकित्सक), शार्प शूटर डॉ. प्रसाद दाभोळकर और जुबिन पोस्टवाला को शामिल किया गया।
तेंदुए को कैसे ढेर किया गया
टीम ने कैमरा ट्रैप, पदचिह्न निरीक्षण और थर्मल ड्रोन की मदद से खोज अभियान चलाया। रात लगभग 10:30 बजे तेंदुआ घटना स्थल से 400–500 मीटर दूर दिखाई दिया। पहले उसे बेहोश करने के लिए डार्ट का प्रयोग किया गया, लेकिन असफल होने पर तेंदुए ने हमला करने की कोशिश की। इसके बाद शार्प शूटर ने तेंदुए को मार गिराया। प्रारंभिक जांच में यह लगभग 5–6 साल का नर तेंदुआ बताया गया। शव को ग्रामीणों को दिखाया गया और फिर माणिकडोह तेंदुआ बचाव केंद्र में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।





