हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से कंगना रनौत सांसद हैं। अपनी फिल्म इमरजेंसी के प्रमोशन के दौरान सांसद ने एक इंटरव्यू में किसान आंदोलन पर विवादित बयान दिया, जिसके चलते उनकी काफी आलोचना हो रही है। साथ ही विपक्ष के नेता बीजेपी को भी कटखरे में खड़ा कर रहे हैं। विवाद को बढ़ता देख भारतीय जनता पार्टी ने अधिकारिक रूप से एक प्रेस नोट जारी किया। जिसमें बताया कि वो कंगना के बयान से असहमत हैं। लेकिन बीजेपी ने कंगना के बयान से खुद को क्यों अलग किया, इसके पीछे की क्या रही है वजह, चलिए आपको बताते हैं।
दरअसल, कुछ ही दिनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाला है। चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि राज्य में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि इसके नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। यहां की अधिकांश आबादी खेती पर ही निर्भर है।
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी केंद्रीय मीडिया विभाग ने सोमवार (26 अगस्त) को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा था, “भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष में दिया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी भी कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत की न तो अनुमति है और न ही में बयान देने के लिए अधिकृत हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास त्या सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित संकलित है।”
लोकसभा चुनाव में भाजपा को हो चुका है नुकसान
पहले ही किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को जाट वोटों का नुकसान झेलना पड़ चुका है। जिसका प्रभाव हमें बीते आम चुनाव में भी देखने को मिल चुका है। हरियाणा में जाट वोट 25 फीसदी है यानी कि हरियाणा में चार में से एक वोट जाट समुदाय से आता है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पांच सीट का नुकसान झेलना पड़ा। इसके पीछे भी कारण जाट वोट की नाराजगी ही थी।
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 27 फीसदी जाटों का वोट मिला। इसी के साथ उन्हें पिछले चुनाव से 23 फीसदी वोटों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं कांग्रेस को 64 फीसदी जाट वोट मिला और 31 फीसदी का फायदा हुआ। हरियाणा में 90 विधानसभा सीट है, जिसमें से 36 सीटों पर जाट वोट प्रभावी माना जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने कंगना को फटकार लगाकर अपना विजन साफ कर दिया है कि वह किसानों के साथ है।