By: Vijay Nandan
केरल: जब इरादे मजबूत हों और सपने सच्चे दिल से देखे जाएं, तो कोई भी कठिनाई आपके रास्ते को रोक नहीं सकती। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है गोपिका गोविंद की, जिन्होंने तमाम चुनौतियों को पार कर एक नया कीर्तिमान रच दिया।
गोपिका केरल के अलक्कोडे के पास एक छोटे से आदिवासी गाँव में पली-बढ़ीं। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालते थे। आर्थिक तंगी के कारण जीवन में कई बार मुश्किलें आईं, लेकिन गोपिका ने कभी हार नहीं मानी।

बचपन से ही उनका सपना था—एयर होस्टेस बनना। मगर हालात ने उन्हें पहले बीएससी (रसायन शास्त्र) की पढ़ाई करने को मजबूर किया क्योंकि यह पढ़ाई कम खर्च में पूरी हो सकती थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने एक नौकरी भी की, लेकिन दिल में दबा सपना एक दिन फिर से जाग उठा जब उन्होंने अख़बार में केबिन क्रू की एक तस्वीर देखी।
इसके बाद उन्होंने सरकारी सहायता प्राप्त एक साल का एविएशन कोर्स वायनाड ज़िले के कल्पेट्टा में ‘ड्रीम स्काय एविएशन ट्रेनिंग एकेडमी’ से पूरा किया। इस कोर्स ने उनके सपनों को उड़ान दी और आज वह एयर होस्टेस बनकर ना सिर्फ़ अपनी मंज़िल तक पहुँची हैं, बल्कि अनगिनत लड़कियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं।
गोपिका का मानना है कि सिर्फ़ सपनों को देखने से कुछ नहीं होता, उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत, आत्मविश्वास और धैर्य की ज़रूरत होती है। उनका सफर बताता है कि अगर आप अपनी मंज़िल को लेकर समर्पित हैं, तो हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।
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