1. क्यों है यह खबर अहम?
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और डालमिया सीमेंट्स (भारत) लिमिटेड (डीसीबीएल) से जुड़ी ₹800 करोड़ की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अटैच किया है। यह 14 साल पुराना मामला है, जिसमें भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। यह खबर राजनीति, कॉर्पोरेट सौदों, और मनी लॉन्ड्रिंग की जटिल कहानी को उजागर करती है।
2. कहानी का सार
- क्या हुआ? ईडी ने जगन रेड्डी की ₹27.5 करोड़ की शेयर और डालमिया सीमेंट्स की ₹377.2 करोड़ की जमीन को अस्थायी रूप से अटैच किया। डीसीबीएल का दावा है कि जमीन की कीमत ₹793.3 करोड़ है।
- क्यों? यह 2011 में सीबीआई द्वारा दर्ज एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है, जिसमें जगन पर “क्विड प्रो क्वो” (लेन-देन) का आरोप है। आरोप है कि जगन ने डीसीबीएल को माइनिंग लीज दिलवाने में मदद की, बदले में उनकी कंपनियों में निवेश हुआ।
- आरोप: डीसीबीएल ने जगन की कंपनियों में ₹95 करोड़ का निवेश किया, और बाद में ₹55 करोड़ हवाला के जरिए जगन को वापस दिए गए। एक फ्रांसीसी कंपनी, PARFICIM, ने शेयर बिक्री में ₹135 करोड़ का सौदा किया।
- वर्तमान स्थिति: ईडी ने 31 मार्च 2025 को अटैचमेंट आदेश जारी किया, जो डीसीबीएल को 15 अप्रैल को मिला। सीबीआई ने 2013 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें डीसीबीएल को आरोपी नंबर 3 बनाया गया। डीसीबीएल का कहना है कि इसका उनके संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा और वे कानूनी कदम उठाएंगे।
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