केंद्रीय कैबिनेट ने झारखंड, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में रेलवे की दो मल्टी‑ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इससे यात्रा सुविधा, लॉजिस्टिक लागत, और CO₂ उत्सर्जन पर असर होगा।
प्रस्तावना
बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों में कुल 318 किमी की दूरियों पर चली पहली मंजूरी—दो मल्टी‑ट्रैकिंग परियोजनाओं ने हरी झंडी पाई। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जो यात्री व माल दोनों ट्रैफ़िक को बेहतर सेवा देगा।
परियोजना 1: झारखंड – कोडरमा‑बरकाकाना डबलिंग
स्थिति: झारखंड के कोडरमा‑बरकाकाना रूट पर ट्रैक डबलिंग
लक्ष्य: यात्रा और माल ढुलाई की क्षमता में वृद्धि
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परियोजना 2: कर्नाटक–आंध्र प्रदेश – बल्लारी‑चिकजाजुर डबलिंग
दूरी: 185 किमी का ट्रैक डबल होना
लागत: ₹3,342 करोड़
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फ़ायदे: मंगलौर पोर्ट कनेक्टिविटी बेहतर होगी
रेल मंत्री का बयान: “यह परियोजना आगामी तीन वर्षों में पूरी होगी।”
उद्देश्य और लाभ
यात्रा में सुधार: ट्रेनों का संचालन सुचारू और तेज होगा
लॉजिस्टिक लागत में कमी: माल की ढुलाई सस्ती और कुशल
कार्बन उत्सर्जन में गिरावट: तेल की बचत और CO₂ में कमी होगी
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स्थिर और टिकाऊ संचालन: पर्यावरण अनुरूप विकास
विस्तार – परियोजनाओं का कुल प्रभाव
कुल दूरी: 318 किमी मल्टी‑ट्रैकिंग
जिले: 7 जिलों में फैली परियोजनाएँ
समय सीमा: तीन वर्षों के भीतर कार्य सम्पन्न
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प्रत्यक्ष प्रभाव:
बेहतर यात्री व माल संचालन
इंडस्ट्री और बंदरगाहों की गति व प्रतिस्पर्धा बढ़ना
सीनेटिक वायुमंडलीय लाभ
लोकल व्यवसायों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन