BY: Yoganand Shrivastva
उज्जैन , मध्यप्रदेश का उज्जैन शहर अब केवल ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि देश का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र बनकर उभरा है। महाकाल लोक बनने के बाद से श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब महाकाल मंदिर में उमड़ पड़ा है और इसके साथ ही मंदिर को मिलने वाले दान का आंकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गया है।
भक्ति में बहा 60 करोड़ से अधिक का दान, चार गुना बढ़ोतरी
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, 2019-20 में जहां मंदिर को दान के रूप में करीब 15 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 59.91 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक 51.22 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हो चुका है और वर्ष अभी बाकी है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आंकड़ा केवल दान पेटियों में डाली गई राशि का है, जबकि मंदिर की कुल आय एक अरब रुपए से अधिक पहुंच चुकी है।
महाकाल लोक ने बदली शहर की तकदीर
महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद उज्जैन में धार्मिक पर्यटन ने एक नई उड़ान भरी है।
- 2023 में मंदिर में आए श्रद्धालुओं की संख्या 5.28 करोड़ थी।
- 2024 में यह आंकड़ा 7.32 करोड़ तक पहुंच गया — यानि 39% की बढ़ोतरी।
- बीते दो वर्षों में कुल 12.32 करोड़ से ज्यादा भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
मध्यप्रदेश बना धार्मिक पर्यटन का हब, उज्जैन सबसे आगे
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अनुसार राज्य के शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में से 6 स्थल धार्मिक हैं, और उज्जैन इन सभी में शीर्ष पर है।
महाकाल लोक प्रोजेक्ट ने शहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है, जिससे स्थानीय व्यापार, होटल, टैक्सी सेवाओं और लोक संस्कृति से जुड़े रोजगारों में भी भारी उछाल आया है।
श्रद्धालुओं के लिए खोला गया नया ब्रिज
भगवान महाकाल के भक्तों को अब मंदिर में प्रवेश के लिए एक नया रास्ता भी मिल गया है।
हाल ही में रूद्रसागर पर बना ब्रिज श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है।
फिलहाल यह मानसरोवर की ओर से चालू किया गया है, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।