भाजपा विधायक अनुज शर्मा ने उठाए सवाल
रायपुर। विधानसभा सत्र के दौरान ई-वे बिल जांच के नाम पर कथित अवैध वसूली का मामला गरमाया। भाजपा विधायक अनुज शर्मा ने इस मुद्दे को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सदन में उठाया और व्यापारियों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक अनुज शर्मा का आरोप
अनुज शर्मा ने कहा कि ई-वे बिल के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। परिवहन वाहनों को रोका जाता है, लेकिन अवैध लेन-देन के बाद छोड़ दिया जाता है। इससे व्यवसायियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जबकि सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का जवाब
इस पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि अब तक जांच के नाम पर अवैध वसूली की कोई शिकायत नहीं मिली है।
ई-वे बिल जांच के लिए एक डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है।
वाहनों की स्कैनिंग एप के माध्यम से की जाती है।
यदि किसी वाहन में बिल नहीं पाया जाता, तो विभागीय अधिकारियों को वीडियो अपलोड कर सूचना दी जाती है।
अब तक 31 करोड़ रुपये की शास्ति (पेनल्टी) वसूली गई है।
पूरे प्रदेश में ई-वे बिल जांच के लिए 15 टीमें गठित की गई हैं, जिसमें 63 अधिकारी कार्यरत हैं।
कर अपवंचन (टैक्स चोरी) करने वाले व्यापारियों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है।
भाजपा विधायक का सवाल – कर चोरी करने वालों पर क्या कार्रवाई?
अनुज शर्मा ने पूछा कि बिना ई-वे बिल के सामान भेजने वाले कारोबारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?
इस पर मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यापारी एप के माध्यम से मात्र दो मिनट में ई-वे बिल जारी कर सकता है।
भारत सरकार के “बीफा” सॉफ्टवेयर के जरिए वाहनों की ट्रैकिंग आसान हो गई है।
ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है, जिससे व्यापारियों को राहत मिलेगी।
अनुज शर्मा का दूसरा सवाल – कितने कारोबारियों पर हुई कार्रवाई?
भाजपा विधायक ने पूछा कि अब तक कितने कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है?
इस पर मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि टैक्स वसूली के लिए आतंक पैदा करना सरकार का उद्देश्य नहीं है।
कार्रवाई तभी की जाती है जब कर चोरी का मामला सामने आता है।
ई-वे बिल सिस्टम में ट्रैकिंग से गड़बड़ी पकड़ में आती है।
100 से अधिक मामलों में सीमित संख्या में रेड (छापेमारी) की गई है।
क्या कहता है यह मामला?
विधानसभा में उठे इस मुद्दे से साफ है कि ई-वे बिल की जांच के नाम पर हो रही गतिविधियों पर सवाल उठ रहे हैं।
सरकार व्यवसायियों की परेशानियों को कम करने के लिए डिजिटल समाधान उपलब्ध कराने का दावा कर रही है।
लेकिन, भाजपा विधायक का आरोप है कि फील्ड में अफसर मनमाने तरीके से वसूली कर रहे हैं।