BY: Yoganand Shrivastva
बिहार: समस्तीपुर सदर अस्पताल से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया है। इमरजेंसी वार्ड जैसे संवेदनशील हिस्से में एक भगत द्वारा मंत्र पढ़कर झाड़-फूंक किए जाने का मामला सामने आया है। आश्चर्य की बात यह है कि घटना के दौरान मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षा टीम ने इसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
आधे घंटे तक चलता रहा झाड़-फूंक का ‘इलाज’
जानकारी के अनुसार, मुक्तापुर थाना क्षेत्र के चकदौलतपुर गांव की निवासी फूलो देवी को गुरुवार को पेट दर्द की शिकायत पर सदर अस्पताल लाया गया था। प्रारंभिक उपचार के बाद भी जब उनकी हालत में खास सुधार नहीं दिखा तो परिजन अंधविश्वास में पड़ गए और स्थानीय भगत को बुला लिया। इसके बाद इमरजेंसी वार्ड में करीब 15-20 मिनट तक मंत्रोच्चार और झाड़-फूंक का सिलसिला चला। वीडियो में भगत को मरीज के पास बैठकर टोटके करते देखा जा सकता है। उसी समय वार्ड के कर्मचारियों और गार्डों की मौजूदगी भी स्पष्ट दिखाई देती है, लेकिन किसी ने भी उसे बाहर निकालने की जरूरत नहीं समझी।
मरीजों और परिजनों ने जताई नाराजगी
वार्ड में मौजूद अन्य मरीज और उनके परिवारजन भी इस नजारे को आश्चर्य से देखते रह गए। लोगों का कहना है कि अस्पताल में इस तरह का अंधविश्वास फैलाना न केवल गलत है बल्कि इलाज में बाधा डालने वाला कदम भी है। स्वास्थ्य कर्मियों की चुप्पी ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
जांच के आदेश, सुरक्षा कर्मियों को तलब
मामला वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना की आलोचना हो रही है कि अस्पताल में डॉक्टर की जगह झाड़-फूंक करने वालों को जगह कैसे मिल गई। सदर अस्पताल के डीएस डॉ. गिरीश ने बताया कि संबंधित सुरक्षा कर्मियों को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में ऐसी हरकतों को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा और आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





