Sadhauli: गरियाबंद जिले का एक ऐसा गांव जिसे लोग वीर सपूतों के गांव के नाम से जानते हैं। इस गांव के युवा बचपन से ही देश सेवा के प्रति मन में ठान लेते हैं कि उन्हें पढ़ लिखकर मातृ भूमि भारत माता की सेवा करना है। पूरे गांव भर में 100 से ज्यादा युवा शासकीय सेवाएं दे रहे है। जिनमे 58 युवा ऐसे है, जो डिफेंस, पैरामिलिट्री फोर्सेज में देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मातृ भूमि की सेवा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि वीर सपूतों के गांव की कहानी।
गारियाबंद जिला में है गांव
गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर सढ़ौली गांव हैं। जहां की आबादी 2500 है। सढ़ौली में बच्चे होश संभालने के बाद मातृ भूमि की सेवा देश सेवा करने के लिए मन में ठान लेते हैं और देश की सेवा के लिए जागृत होते है। स्कूली बच्चे से जब हमारी टीम ने चर्चा की।तो उन्होंने देश सेवा करने की इच्छा जाहिर की सढोली गांव के हर घर में युवा पुलिस , सीआरपीएफ, बीएसएफ, CAF में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा गांव देश भक्ति में डूब जाता है। प्रदेश के इस गांव को वीर सपूतों के गांव के नाम से जाना जाता है।
हमारी टीम ने किया गांव का दौरा
हमारी टीम ने गांव के शहीद भृगु नंदन चौधरी की मां से बात की जहां उन्होंने बताया कि बिहार के गया जिला में नक्सलियों से लोहा लेते हुए भृगु नंदन शहीद हुए थे। भारत के राष्ट्रपति के हाथो शहीद की माता को सम्मानित किया गया था। गांव का हर युवा पुलिस की सेवा में रहकर भारत मां की सेवा करना चाहता है।
कारगिल युध्द से भी पहले शुरू हुई कहानी
गांव के युवाओं की डिफेंस में जाने की परिपाटी 1981 से शुरू हुई थी। 2001 में कारगिल युद्ध के बाद युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया। हर बार हुई भर्ती में डिफेंस में कोई न कोई चुन लिए जाते हैं। गांव के बाहर बने अस्थाई ट्रेनिंग ग्राउंड में हर साल 30 से 50 युवा भर्ती की फिजिकल तैयारी करते हैं। पुराने अनुभवी लोग नए युवा को न केवल ट्रेंड कराते हैं। बल्कि आर्थिक रोड़ा आया तो उसे भी आपसी सहयोग कर दूर कर देते हैं।डिफेंस में हर कोई जाना चाहता है, पर किस्मत ने साथ नहीं दिया तो नगर सैनिक तक बन कर सेवा देने में कोई गुरेज नहीं करते। उन्हें अपने साथियों पर गर्व होता है। पुलिस प्रशासन भी इस गांव को पूरी सम्मान की दृष्टि से देखता है। समस्या न आए इस बात का भी पूरा खयाल पुलिस रखती है।
जवानों की तस्वीर दीवारों में चस्पा
सढ़ौली गांव पूरे जिले में अपनी अलग पहचान है। पूरे गांव की बात करें तो सभी घरों में आपको देश सेवा में लगे जवानों की तस्वीर दीवारों में चस्पा नजर आएगी। सभी के घरों के बच्चे देश सेवा के लिए अभी से अपना लक्ष्य बनाकर पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में सढ़ौली गांव के युवाओं को आने वाले समय में देश सेवा करने का मौका मिले। वीर- सपूतों के गांव में देश के प्रति यूं ही मातृभूमि के प्रति जो देश प्रेम जागृत हो रहा है।वो जारी रहे। इसे लेकर गांव की नई पीढ़ी भी सेना में जाने की तैयारी में लगी हुई है।