BY: Yoganand Shrivastava
पुणे: कोथरूड स्थित वुडलैंड सोसाइटी में रहने वाले एक दंपति के साथ छह वर्षों में 14 करोड़ रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस ठगी में एक महिला और उसके सहयोगियों का हाथ बताया जा रहा है, जिन्होंने धार्मिक आस्था और भय का इस्तेमाल कर दंपति को ठगने की योजना बनाई।
ठगी का तरीका:
पीड़ित दंपति, दीपक पुंडलिक डोलस और उनकी पत्नी, पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी मानसिक बीमारी से पीड़ित है, जबकि दूसरी ‘अलोपेशिया’ (बाल झड़ने की गंभीर बीमारी) से जूझ रही थी। इलाज से कोई लाभ न मिलने पर वे धार्मिक कार्यक्रमों में जाने लगे।
2018 में उनकी मुलाकात दीपक जनार्दन खड़के से हुई, जिसने उन्हें वेदिका कुणाल पंढरपुरकर और उनके पति कुणाल पंढरपुरकर से मिलवाया। यह जोड़ा खुद को “शंकर महाराज की पुत्री और दामाद” बताता था और दावा करता था कि वेदिका के शरीर में स्वयं शंकर बाबा आते हैं और वे दंपति की बेटियों का इलाज कर सकती हैं।
कब हुआ ठगी का एहसास:
विश्वास और भय के माहौल में दंपति ने 2019 से 2024 के बीच करीब 14 करोड़ रुपये वेदिका और कुणाल के खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब सारी राशि खर्च हो गई और बेटियों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तब दंपति को एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार बन चुके हैं।
पुलिस की कार्रवाई:
शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने धार्मिक आस्था और भय का लाभ उठाकर यह ठगी की। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।





