संवाददाता: प्रयास कैवर्त
यूपी के इटावा में कथा वाचन पर हुए विवाद को लेकर भड़का यादव समाज, राष्ट्रपति से की कड़ी कार्रवाई की मांग
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यादव समाज के दो कथा वाचकों को लेकर हुए विवाद ने अब राष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है। इसी संदर्भ में छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी सर्व यादव समाज ने विरोध दर्ज कराया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से यादव समाज ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोपी पक्ष पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
“गीता ज्ञान देने वाले श्रीकृष्ण स्वयं यादव थे” – समाज ने जताई भावनाएं
प्रदर्शन के दौरान यादव समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि:
“भगवान श्रीकृष्ण स्वयं यादव समाज से थे, जिन्होंने गीता का ज्ञान मानव जाति को दिया। गीता, भागवत जैसी दिव्य धरोहर पूरे समाज की हैं, न कि किसी एक वर्ग की। ऐसे में कथा वाचन किसी भी योग्य व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है – चाहे वो ब्राह्मण हो या यादव।”
ब्राह्मण समुदाय के कथित विरोध पर कड़ी आपत्ति
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों द्वारा कथाकारों के साथ अभद्रता की गई, जो निंदनीय और असंवैधानिक है।
सर्व यादव समाज ने इसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कृत्य करार देते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
कलेक्टर कार्यालय में सौंपा गया ज्ञापन
सर्व यादव समाज के नेताओं व समाजजनों ने गौरेला स्थित कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और घटना में संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि यादव समाज शांतिप्रिय है, लेकिन अपने सम्मान और अधिकारों के लिए हमेशा खड़ा रहेगा।