Isa Ahmad
REPORT- NAFEES AHMAD
मेला क्षेत्र का विस्तार और करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22 नवम्बर 2025 को प्रयागराज में आगामी माघ मेला 2025 की तैयारियों का गहन निरीक्षण और समीक्षा की। नौ महीने बाद प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रयागराज आना मेरा सौभाग्य है।” उन्होंने बताया कि इस बार मेला क्षेत्र का दायरा 2024 की तुलना में और अधिक विस्तृत होगा। लगभग 25 लाख कल्पवासी इस बार कल्पवास करेंगे, जबकि पूरे मेला अवधि के 1.5 महीनों में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा-यमुना के प्रवाह को सुचारु रखने के लिए 10 हजार क्यूसेक पानी की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जबकि वर्तमान में यह 19 हजार क्यूसेक है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 7 प्लाटून पुलों का निर्माण जारी है, जो श्रद्धालुओं के आवागमन को अधिक सुगम बनाएंगे।
मेला क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का बड़ा विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ मेला क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाने के कई प्रमुख कार्यों की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा 245 किलोमीटर लंबी पेयजल पाइपलाइन बिछाई जा रही है, जबकि 85 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन भी तैयार की जा रही है। बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 160 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन तथा 47 किलोमीटर लंबी अन्य बिजली लाइनें बिछाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत मेला क्षेत्र में दो हॉस्पिटल, 12 सीएससी, 50 एंबुलेंस, 8 हजार डस्टबीन, 40 गार्बेज कंटेनर और 23 हजार सफाई कर्मियों की तैनाती की जाएगी। लगभग 800 हेक्टेयर भूमि पर बने सात सेक्टरों में मेला बसाया जाएगा।
निगरानी व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए 400 सीसीटीवी कैमरे एआई तकनीक से लैस कर लगाए जा रहे हैं। इससे सुरक्षा व्यवस्था अधिक प्रभावी और त्वरित होगी।
रेल, बस, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की सुदृढ़ तैयारी
श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए परिवहन विभाग भी व्यापक तैयारी कर रहा है। मेला क्षेत्र के लिए 75 शटल बसों सहित कुल 3800 बसों का बेड़ा उपलब्ध रहेगा, जिनमें 200 रिजर्व बसें होंगी। सुरक्षा और कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 17 थाने, 42 पुलिस चौकियां, 20 फायर टेंडर, 20 फायर वॉच टावर और 5 किलोमीटर लंबी डीप वॉटर बैरिकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि माघ मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक स्वरूप है। अतः सरकार इसे उच्चतम स्तर की सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के साथ भव्य बनाने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है।





