पूर्व सांसद डॉ. एस.टी. हसन का मुख्यमंत्री योगी पर पलटवार
मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हलाल सर्टिफिकेशन पर दिए गए बयान ने प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान पर मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एस.टी. हसन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। यह सब वोट की राजनीति का हिस्सा है, जिससे समाज में हिंदू-मुस्लिम के बीच विभाजन बढ़ रहा है।
डॉ. हसन ने कहा कि मुस्लिम समाज अपने धार्मिक नियमों का पालन करते हुए केवल हलाल मांस का सेवन करता है। जब तक यह सुनिश्चित न हो कि मांस हलाल है, मुसलमान उसे नहीं खाते। उन्होंने कहा कि हलाल प्रक्रिया में जानवर को काटते समय कुरान की आयतें पढ़ी जाती हैं, जिससे वह धार्मिक रूप से स्वीकार्य बनता है।
पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार मुसलमानों को निशाना बना रही है और असली मुद्दों जैसे बेरोज़गारी, शिक्षा व विकास से ध्यान भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को धर्म आधारित राजनीति से हटकर युवाओं के भविष्य और प्रदेश की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर मैं कह दूं कि कई कॉस्मेटिक उत्पादों में चर्बी का उपयोग होता है, तो लोग कहेंगे कि एस.टी. हसन विवादित बोल रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कई लिपस्टिक और सौंदर्य प्रसाधनों में पशु चर्बी का इस्तेमाल होता है। अगर वह सूअर या गाय से प्राप्त हो, तो वह हमारे हिंदू भाइयों के लिए भी अनुचित है।”
मुख्यमंत्री द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन को ‘लव जिहाद’ से जोड़ने पर भी डॉ. हसन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पहले भी हिंदू-मुस्लिम विवाह होते आए हैं, चाहे वह लैला–मजनूं या शीरी–फरहाद का ज़माना रहा हो, तब किसी ने इसे लव जिहाद नहीं कहा। आज की सरकार समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है।
अंत में डॉ. हसन ने सरकार से अपील की कि वह धार्मिक मुद्दों से ऊपर उठकर शिक्षा, रोजगार और विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि देश की असली तरक्की हो सके और सामाजिक सौहार्द बना रहे।





