संसदीय राजभाषा समिति ने मध्यप्रदेश में हिंदी माध्यम से संचालित चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था की सराहना की है। समिति ने इस पहल को भारतीय भाषाओं में तकनीकी व उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में ठोस कदम बताया और सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव दिए। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब (सांसद, लोकसभा, कटक – ओडिशा) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में सम्पन्न हुई।
समिति ने संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों से संवाद कर हिंदी माध्यम में अध्ययन से जुड़े अनुभव एवं पुस्तकों की गुणवत्ता पर फीडबैक प्राप्त किया। समिति ने सुझाव दिया कि प्रारंभिक स्तर पर आने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतत निगरानी, चरणबद्ध समीक्षा तथा फीडबैक आधारित सुधारात्मक पहल अपनाई जानी चाहिए।
बैठक में संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य श्री उज्ज्वल रमण सिंह (सांसद, लोकसभा, इलाहाबाद – उत्तर प्रदेश), श्री शंकर लालवानी (सांसद, लोकसभा, इंदौर – मध्यप्रदेश), डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी (सांसद, राज्यसभा, मध्यप्रदेश), डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे (सांसद, राज्यसभा, महाराष्ट्र), श्री हरिभाई पटेल (सांसद, लोकसभा, मेहसाणा – गुजरात), श्री कुलदीप इंदौरा (सांसद, लोकसभा, गंगानगर – राजस्थान) और श्री जियाउर्रहमान (सांसद, लोकसभा, संभल – उत्तर प्रदेश) उपस्थित रहे। समिति सचिव श्री प्रेमनारायण, हिंदी अधिकारी श्री मनोज कुमार और रिपोर्टर श्री मोहम्मद आरिफ़ भी बैठक में सम्मिलित हुए।
गांधी चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल और महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. कविता एन. सिंह ने समिति का स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश में हिंदी माध्यम से मेडिकल शिक्षा की प्रगति पर प्रस्तुति दी। बताया गया कि प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों के सहयोग से एमबीबीएस पाठ्यक्रम के सभी 15 विषयों की पुस्तकों का हिंदी में सफलतापूर्वक अनुवाद एवं संपादन किया गया है।