नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025 (बिजनेस स्टैंडर्ड): कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
विशेष सत्र की मांग
खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा, “इस समय देश की एकता और एकजुटता जरूरी है। विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। यह पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ हमारे सामूहिक संकल्प को दिखाएगा।”
राहुल गांधी ने भी अलग से पत्र लिखकर कहा, “पहलगाम हमले ने हर भारतीय को आहत किया है। इस महत्वपूर्ण समय में, हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की जरूरत है। विपक्ष का मानना है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधि अपनी एकता दिखा सकते हैं।”
सरकार की प्रतिक्रिया और आलोचना
24 अप्रैल को सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकी घटना पर जानकारी दी। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी का इस बैठक में शामिल नहीं होना विपक्ष के निशाने पर रहा। खरगे ने कहा, “मोदी जी ने बिहार के चुनावी रैली को देश से ऊपर रखा। कम से कम आप सर्वदलीय बैठक में तो आते, जहां हमने सरकार के हर कदम का समर्थन करने की पेशकश की थी।”

पहलगाम हमले के बाद भारत की कार्रवाई
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिनमें शामिल हैं:
- 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना
- द्विपक्षीय संबंधों को कम करना
- अटारी बॉर्डर को बंद करना
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश
- पाकिस्तानी YouTube चैनल्स (Dawn News, Geo News आदि) को ब्लॉक करना
निष्कर्ष
विपक्ष चाहता है कि सरकार संसद में एक विशेष चर्चा करे ताकि देश आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा हो सके। अब देखना है कि सरकार इस मांग पर क्या कदम उठाती है।
Swadesh News विश्लेषण:
- क्या हुआ? → पहलगाम में आतंकी हमला, 26 मरे।
- क्या मांग? → विशेष संसद सत्र।
- विपक्ष की चिंता? → सरकार की गंभीरता पर सवाल।
- सरकार की कार्रवाई? → पाकिस्तान पर प्रतिबंध।
- अगला कदम? → मोदी सरकार का जवाब देखना बाकी।
इस मामले में देश की एकजुटता जरूरी है, लेकिन साथ ही सरकार को संसद में चर्चा करके विपक्ष को भी साथ लेना चाहिए।