पढ़े लिखे युवा कर रहे आर्गनिक खेती
रिपोर्ट: राहुल शर्मा, जोबनेर
जयपुर: आधुनिकता की चकाचौंध में लोग पुश्तैनी काम छोड़कर शहर की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने पुश्तैनी काम को आधुनिक तकनीक के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। हम आपको एक ऐसे ही किसानों से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जो जयपुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से गांव मूंडवाडा के रहने वाले हैं। जी हां, किसान नेमीचंद झाझडा ने पढ़ाई पूरी करने के बाद शहर में नौकरियां तलाश करने के बजाए गांव में खेती के पुश्तैनी काम को आधुनिक तकनीक से आगे बढ़ाना ज्यादा बेहतर समझा। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती शुरू की और आज वे आसपास के गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं.
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किसान नेमीचन्द ने बताया कि ऑर्गेनिक खेती के उत्पाद कैंसर जैसे रोग से बचाव करते हैं. गहरे कलर की सब्जियां इसमें ज्यादा लाभकारी होती है. लेट्यूस कैंसर के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए काम में आती है. ऑर्गेनिक खेती के उत्पाद रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करते हैं.
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किसान नेमीच़द अनाज के अलावा सब्जियों की जैविक खेती करते हैं जो कैंसर को रोकने का काम भी करती है. आर्गेनिक खेती में ब्रोकली, खीरा, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, मटर, लौकी, गोभी, गाजर, सहित कई तरह की सब्जियां उगा रहे है।
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