ग्वालियर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां NEET परीक्षा में कम अंक मिलने से आहत होकर एक छात्र ने खुदकुशी कर ली। यह मामला शिक्षा प्रणाली, मानसिक दबाव और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
क्या हुआ था?
यह दुखद घटना ग्वालियर जिले के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के शताब्दी पुरम इलाके में हुई। मृतक की पहचान निखिल राठौर के रूप में हुई है, जो मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहा था।
- स्थान: शताब्दी पुरम, महाराजपुरा थाना क्षेत्र, ग्वालियर
- घटना का समय: बीती रात
- मृतक: निखिल राठौर, NEET अभ्यर्थी
- पारिवारिक पृष्ठभूमि: पिता सेना से रिटायर्ड
तनाव में आकर उठाया आत्मघाती कदम
निखिल ने हाल ही में आयोजित NEET 2025 परीक्षा में भाग लिया था। जैसे ही उसने आंसर शीट देखी, वह यह जानकर सदमे में आ गया कि उसके अंक उम्मीद से काफी कम हैं। इसके बाद वह मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गया।
घटना कैसे घटी?
- छात्र अचानक घर के निचले हिस्से में गया
- वहां उसने अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल उठाई
- खुद को सिर में गोली मार ली
- गोली की आवाज सुनकर परिवार नीचे पहुंचा और उसे खून से लथपथ पाया
- उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही महाराजपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
- पिस्टल को जब्त कर लिया गया है
- एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है
- आत्महत्या के कारणों की हर पहलू से जांच की जा रही है
क्या कहती है यह घटना?
यह घटना महज एक खबर नहीं है, यह एक चेतावनी है कि परीक्षा परिणामों का युवाओं पर कितना गहरा मानसिक प्रभाव पड़ता है। NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं जहां सफलता के लिए जबरदस्त मेहनत और धैर्य चाहिए, वहीं असफलता का सामना करने के लिए भी मानसिक दृढ़ता ज़रूरी है।
क्या करना चाहिए?
- छात्रों को समय-समय पर मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग मिलनी चाहिए
- माता-पिता और समाज को चाहिए कि वे बच्चों पर अत्यधिक दबाव ना डालें
- असफलता को जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक अनुभव मानें
ग्वालियर की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सीख भी है। हमें इस बात को समझने की ज़रूरत है कि कोई भी परीक्षा जीवन से बड़ी नहीं होती।