BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली – नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एक गंभीर दावा किया है। एजेंसी के अनुसार, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस केस में 142 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि यह धनराशि आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई है।
ईडी की ओर से पेश विशेष वकील जोहेब हुसैन ने दलील दी कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गांधी परिवार ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों से मिली किराए की आय को भी अवैध लाभ के रूप में हासिल किया। कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
ईडी का आरोप: सिर्फ 50 लाख में हासिल की 90 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
ईडी के मुताबिक, यंग इंडियन ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL की 90.25 करोड़ रुपये की संपत्तियां अपने कब्जे में ले लीं। चूंकि यंग इंडियन में सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है, इसलिए उन्हें प्रत्यक्ष रूप से इस लेन-देन से लाभ हुआ। एजेंसी का कहना है कि यह “ब्रिच ऑफ ट्रस्ट” यानी विश्वासघात की श्रेणी में आता है।
988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने बीते महीने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। यह चार्जशीट प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धाराओं के अंतर्गत दाखिल की गई है। दस्तावेज़ों में सोनिया गांधी को मुख्य आरोपी (Accused No. 1) और राहुल गांधी को दूसरा आरोपी (Accused No. 2) बताया गया है।
आयकर विभाग की रिपोर्ट को आधार बनाया गया
ईडी ने अपने आरोपों को मज़बूती देने के लिए आयकर विभाग के 2017 के असेसमेंट ऑर्डर का भी हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं ने आपसी सांठगांठ से AJL की कीमती संपत्तियों को यंग इंडियन के जरिये हड़पने की योजना बनाई थी। AJL की संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 2,000 करोड़ रुपये बताया गया है।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है जिसकी स्थापना 1938 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसका प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। AJL को कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में कीमती जमीनें और इमारतें सरकारी रियायतों पर मिली थीं। वित्तीय संकट के चलते 2008 में अखबार का प्रकाशन बंद हो गया। उस वक्त AJL पर कांग्रेस पार्टी का लगभग 90 करोड़ रुपये का कर्ज था।
बाद में बीजेपी नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन कंपनी के जरिए AJL की संपत्तियों को धोखे से अपने नियंत्रण में लिया। उनका कहना था कि यह पूरी प्रक्रिया कानून के खिलाफ थी और इसका उद्देश्य बहुमूल्य संपत्तियों पर अधिकार जमाना था।