Mohit Jain
मध्यप्रदेश में इस साल अक्टूबर बारिश और ठंड दोनों का महीना बन गया। पूरे प्रदेश में औसतन 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 1.3 इंच की तुलना में 121% ज्यादा है। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों में बीते 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी में अगले 24 घंटों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, खरगोन, बुरहानपुर, श्योपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश की संभावना है।
अक्टूबर में बादलों और ठंड का संगम

आमतौर पर अक्टूबर में मानसून की विदाई के बाद हल्की ठंड का दौर शुरू होता है, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज अलग रहा। 13 अक्टूबर को मानसून विदा होने के बावजूद बारिश का सिलसिला जारी रहा। आईएमडी भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, “इस बार साइक्लोनिक सर्कुलेशन, लो प्रेशर एरिया और डिप्रेशन के कारण प्रदेश में सामान्य से 121% ज्यादा बारिश हुई।”
उन्होंने बताया कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में बने मजबूत मौसमीय सिस्टम की वजह से बारिश का आंकड़ा अचानक बढ़ गया।
दिन का तापमान 25 साल में सबसे नीचे
लगातार बारिश और बादल छाए रहने के कारण दिन का तापमान भी नीचे चला गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे कम है। उज्जैन, नरसिंहपुर, छतरपुर और ग्वालियर में भी तापमान 24 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।

वहीं, बारिश और आंधी से नर्मदापुरम, श्योपुर और मुरैना जैसे जिलों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
नवंबर में भी बरसेगा पानी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि नवंबर की शुरुआत भी भीगी रह सकती है। प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी हिस्सों में 2 से 4 नवंबर तक गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, दूसरे सप्ताह से उत्तरी हवाओं के असर से ठिठुरन बढ़ने के आसार हैं।





