BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल/रतलाम। मुख्यमंत्री मोहन यादव के रतलाम दौरे से पहले एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सीएम काफिले की 19 गाड़ियां अचानक रास्ते में बंद हो गईं, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इन वाहनों में पानी मिला डीजल भरा गया था। अब इस गंभीर लापरवाही पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए मध्य प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों की जांच के आदेश दे दिए हैं।
रतलाम में बंद पड़ीं सीएम की गाड़ियां, ड्राइवरों को लगाना पड़ा धक्का
यह घटना 27 जून की शाम की है, जब मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियां रतलाम दौरे के लिए रवाना हुई थीं। लेकिन थोड़ी ही दूर चलने के बाद 19 गाड़ियों में इंजन ने काम करना बंद कर दिया। ड्राइवरों को धक्का लगाकर गाड़ियां साइड में करनी पड़ीं। सभी गाड़ियों में हाल ही में एक ही पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया गया था, जिससे संदेह और गहरा गया।
पेट्रोल पंप पर पहुंची टीम, टैंक में मिला पानी
जांच के लिए जब गाड़ियों के फ्यूल टैंक खोले गए, तो उनमें से डीजल के साथ पानी निकला। इसके तुरंत बाद रात में ही अधिकारियों की टीम रतलाम के उस पेट्रोल पंप पर पहुंची और पंप को सील कर दिया गया।
पूरे प्रदेश के पेट्रोल पंपों की होगी जांच
घटना को गंभीरता से लेते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने राज्य भर के सभी पेट्रोल पंपों की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही अपर मुख्य सचिव रश्मि शमी ने BPCL से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
FIR दर्ज, सैंपल भेजे गए लैब
घटना की पुष्टि होते ही डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर आनंद गोले की रिपोर्ट पर रतलाम के औद्योगिक थाना में पेट्रोल पंप संचालक शक्ति बुंदेल और मैनेजर अमरजीत पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीजल और पेट्रोल के सैंपल BPCL की मांगलिया लैब भेजे गए हैं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितनी बड़ी मिलावट थी।
सीएम काफिले की गाड़ियों में मिलावटी डीजल का भरना न केवल एक तकनीकी चूक है बल्कि यह सुरक्षा और जवाबदेही का भी गंभीर मामला है। सरकार ने इस घटना को मिसाल बनाते हुए पूरे राज्य में पेट्रोल पंपों की व्यापक जांच का फैसला लिया है। आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।
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